नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें भारतीय एयरक्राफ्ट पर लिखे कॉल साइन वीटी को बदलने की मांग की गई है, जिसका अर्थ होता है ‘विक्टोरियन टेरिटरी और वॉयसरॉय टेरिटरी.’
याचिका में कहा गया है कि स्वतंत्रता के 75 सालों बाद भी गुलामी की पहचान ‘वीटी’ अभी भी मौजूद है. बीजेपी नेता और वकील अश्विनी कुमार ने कहा कि ब्रिटेन ने 1929 के पहले भारत के लिए प्रिफिक्स सेट किया था.
याचिका में कहा गया, ‘ब्रिटिश ने अपने सभी उपनिवेशों के लिए वी से शुरुआत शब्दों का कोड बनाया था. हालांकि, चीन, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका ने बाद में अपना कोड बदल दिया. लेकिन भारत में यह 93 सालों के बाद भी जारी है जो कि नागरिकों की गरिमा के खिलाफ है.’
याचिका में आगे कहा गया है कि वीटी सिंबल का दिखाता है कि भारत अभी भी विक्टोरियन टेरिटरी और वॉयसरॉय टेरिटरी है. जो कि सही है लेकिन सरकार ने आजादी से 75 साल बाद भी इस बदलने की जहमत नहीं उठाई यहां तक कि इस बारे में कोई प्रयास भी नहीं किया.
याचिकाकर्ता ने कहा कि ज्यादातर देशों ने जो भी औपनिवेशिक गुलामी से गुजरें हैं उन्होंने अब इसे छोड़ दिया है. वीटी, गर्व का सिंबल नहीं है बल्कि शर्मिंदगी वाली बात है, खासकर जबकि हमारा देश स्वतंत्र हो चुका है.
बीजेपी नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने आगे कहा कि यहां तक कि हमारे प्रधानमंत्री भी दूसरे देश अन्य नेताओं से मिलने जाते हैं तो एयर इंडिया की फ्लाइट पर भी वीटी लिखा रहता है.
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