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Tuesday, 19 November, 2024
होमदेशबरमा मशीन को काटने के लिए हैदराबाद से सिल्कयारा सुरंग पहुंचा प्लाज्मा कटर, CM धामी बोले- तेजी से चल रहा है काम

बरमा मशीन को काटने के लिए हैदराबाद से सिल्कयारा सुरंग पहुंचा प्लाज्मा कटर, CM धामी बोले- तेजी से चल रहा है काम

प्लाज़्मा कटर मशीन को सुबह-सुबह सिल्कयारा सुरंग में लाया गया. नई मशीन के साइट पर पहुंचने से पहले ही ऑगर मशीन को हटाने की प्रक्रिया चल रही थी.

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नई दिल्ली: अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार 41 श्रमिकों को बचाने के लिए सिल्कयारा सुरंग के मलबे में फंसी बरमा मशीन को काटने के लिए हैदराबाद से लाई गई प्लाज्मा कटर मशीन ने रविवार सुबह काम करना शुरू कर दिया.

प्लाज़्मा कटर मशीन को सुबह-सुबह सिल्कयारा सुरंग में लाया गया. नई मशीन के साइट पर पहुंचने से पहले ही ऑगर मशीन को हटाने की प्रक्रिया चल रही थी.

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हैदराबाद से जो प्लाज़्मा मशीन लाई गई है, उसने काम करना शुरू कर दिया है. कटाई तेजी से चल रही है. अब कुल 14 मीटर की दूरी शेष बची हुई है जो अगले कुछ घंटों में पूरी कर ली जाएगी. उसके बाद मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू होगा.”

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (रिटायर्ड) ने शनिवार को कहा कि उत्तरकाशी सुरंग में 13 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए किए जा रहे ड्रिलिंग कार्य में पिछले 24 घंटों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है.

एनडीएमए सदस्य ने कहा कि अमेरिकन-ऑगर मशीन का एक हिस्सा टूट गया था, जिससे संभावित मार्ग अवरुद्ध हो गया था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बीच, बचाव दल की सुरक्षा के लिए सिल्कयारा सुरंग के अंदर एक सुरक्षा छतरी बिछाई जा रही है, जहां 41 कर्मचारी दो सप्ताह से फंसे हुए हैं.

इसके अलावा, सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को आश्वासन देने और उनके तनाव को दूर करने के प्रयासों के तहत, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने उन्हें एक लैंडलाइन प्रदान करने के लिए कदम उठाया है जिसके माध्यम से वे अपने परिवारों से बात कर सकते हैं.

बीएसएनएल के एक अधिकारी, कुंदन ने कहा कि वे फंसे हुए श्रमिकों को पाइप के माध्यम से एक छोटा लैंडलाइन फोन भेजने की प्रक्रिया में हैं.

उन्होंने कहा, ”इसके जरिए वे सीधे अपने परिवार से बात कर सकेंगे.”

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल ने सुरंग स्थल पर एक छोटा टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया है और फोन एक लाइन के माध्यम से जुड़ा होगा. बचाव अभियान में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को कुछ मोबाइल फोन भी भेजे गए हैं ताकि वे गेम खेल सकें.

अधिकारी ने कहा, “आस-पास कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है, लेकिन हम वाई-फाई कनेक्टिविटी प्रदान करने पर भी विचार कर रहे हैं. हम श्रमिकों को क्रिकेट बैट और गेंद प्रदान करने पर भी विचार कर रहे हैं ताकि वे क्रिकेट खेल सकें. जहां मजदुर फंसे हुए है वहां काफी जगह है इसलिए वे आसानी से क्रिकेट खेल सकते है.”

सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को बीच से ढह गया था. बता दें कि यह नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों को आपस में जोड़ना है.

12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा धंसने के बाद, सुरंग के सिल्कयारा किनारे पर 60 मीटर के हिस्से में गिरे मलबे के कारण 41 मजदूर निर्माणाधीन ढांचे के अंदर फंस गए.


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