इंदौर (मध्यप्रदेश), 12 जुलाई (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को नागरिकों से आह्वान किया कि वे वैश्विक तापमान में इजाफे और दो अन्य बड़े संकटों से धरती को बचाने के लिए अपनी मां के नाम पर कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएं।
यादव, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत शुरू किए गए ‘एक बगिया मां के नाम’ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान बिजासन क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की रेवती रेंज पर पौधा रोपा।
केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर एक सभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान और ‘मिशन लाइफ’ के रूप में दुनिया को पर्यावरणहितैषी जीवनशैली अपनाने के दो मंत्र दिए हैं।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने ‘धरती के तीन बड़े संकटों’ का हवाला देते हुए कहा, ‘‘धरती का तापमान पिछले लाखों साल में इतना नहीं बढ़ा, जितना पिछले 200 साल में इंसान की अंधाधुंध तरक्की के कारण बढ़ा है। हम देख ही रहे हैं कि कैंसर के मरीजों की तादाद में इजाफा हो रहा है क्योंकि हम खेतों में (रासायनिक) कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं। कीटनाशकों के इस्तेमाल के कारण धरती बंजर हो रही है। एक और संकट यह है कि धरती में असंतुलन भी बढ़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि वृक्षों में धरती के तीनों संकटों का समाधान करने की क्षमता है, इसलिए लोगों को चाहिए कि वे अपनी मां के नाम पर कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएं।
यादव ने कहा,‘‘बचपन में हम जब घर से बाहर निकलते थे, तो मां हमें हमारा ध्यान रखने को कहती थी। एक तरह से, हर मां हमें यही कहती है कि धरती का ध्यान रखना यानी एक पेड़ मां के नाम पर जरूर लगाना।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धरती का सबसे बड़ा संतुलन पेड़ों के साथ ही है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी का वजूद भी पेड़ों के कारण ही है।
यादव ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के ‘शस्यश्यामलाम्’ शब्द का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके जरिये नागरिकों को धरती को हरी-भरी रखने का संकल्प दिलाया गया है।
इंदौर की रेवती रेंज पर पिछले साल 14 जुलाई को 24 घंटे के भीतर 12.41 लाख पेड़ लगाए गए थे और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने मध्यप्रदेश सरकार के इस कारनामे को कीर्तिमान के तौर पर मान्यता दी थी।
सूबे के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने गृहनगर इंदौर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की पिछले साल से अगुवाई कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मॉनसून के मौजूदा मौसम में शहर में इस अभियान के तहत ‘एक बगिया मां के नाम’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है और जन भागीदारी के जरिये अलग-अलग स्थानों पर पौधे लगाकर बगीचे विकसित किए जा रहे हैं।
भाषा
हर्ष, रवि कांत रवि कांत
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