देहरादून, एक अक्टूबर (भाषा) सूफी संत साबिर पाक के उर्स में पीर कलियर की जियारत के लिए पाकिस्तान से आए जायरीनों को भगवद् गीता की प्रतियां और गंगाजल भेंट किया गया।
13वीं सदी के सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी की दरगाह को सरकार साबिर पाक के नाम से भी जाना जाता है । यहां मुस्लिम और हिंदू दोनों ही समुदाय के लोग माथा टेकने आते हैं। यह दरगाह गंगा के तट पर रूड़की के पास कलियर गांव में स्थित है।
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने रविवार को कहा कि यह पीर कलियर के इतिहास में पहली बार है कि पाकिस्तान के जायरीनों को भगवद् गीता की प्रतियां और गंगाजल भेंट किया गया। वार्षिक उर्स शनिवार को संपन्न हो गया।
भाषा शोभना अविनाश जोहेब
जोहेब
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.