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Thursday, 14 November, 2024
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राजस्थान में पीएचईडी के संभागीय मुख्यालयों में बनेगी ‘पिंक डिवीजन’

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जयपुर, आठ मार्च (भाषा) राजस्थान में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के तहत सभी संभागीय मुख्यालयों पर स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों में एक-एक डिवीजन को ‘पिंक डिवीजन‘ में परिवर्तित किया जाएगा।

जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को पेयजल संबंधी अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए यह घोषणा की। सदन ने पेयजल संबंधी अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कीं।

जोशी ने बताया कि विभाग की ओर राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाते हुए सातों संभागीय मुख्यालयों पर स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के अधीन एक-एक डिवीजन कार्यालय को ‘पिंक डिवीजन’ बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विशेष डिवीजन के अधीन समस्त सब-डिवीजन कार्यालयों में सभी अभियंता जैसे अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता एवं अन्य पदों पर महिलाओं को तैनात किया जाएगा।

मंत्री ने चर्चा में भाग लेने वाले पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर विभाग गंभीरता से विचार करते हुए राज्य की जनता के हितों में विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों को गति देगा। चर्चा के बाद सदन ने पेयजल योजना की 90 अरब, 9 करोड़ 63 लाख 76 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।

डॉ. जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में राजस्थान में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की दो बार घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इसे अभी तक पूरा नहीं किया है, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री उसे पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं और इस बार के बजट में नवनेरा लिंक के लिए 9600 करोड़ का प्रावधान किया है।

इससे पहले अनुदान मांगों पर बोलते हुए ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने अपने ही विभाग पर तंज कसे। उन्होंने कहा,”विभाग के प्रधान सचिव ही पूरा विभाग चला रहे हैं। मुझे कहते हुए खेद है कि मंत्री तो रबड़ की मोहर मात्र हैं।”

अपने इलाके की कुछ पेयजल योजनाओं में कटौती को लेकर खफा नजर आ रहीं विधायक ने कहा कि शहर से आने वाले मंत्री रेगिस्तान की समस्या जानते भी हैं, इस पर उनका प्रश्न चिन्ह है।

भाषा पृथ्वी कुंज शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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