पीलीभीत (उप्र), 29 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक दंपत्ति ने बृहस्पतिवार सुबह सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करने के बाद कथित रूप से जहर पी लिया। इस वीडियो में उन्होंने कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने में उनकी भूमिका के बाद उप जिलाधिकारी (एसडीएम), एक नगर पालिका अध्यक्ष और एक ठेकेदार सहित तीन व्यक्तियों पर उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
बरखेड़ा थाने के अधिकारियों के अनुसार, दंपत्ति की पहचान स्थानीय पत्रकार इसरार और उनकी पत्नी के रूप में हुई है और उन्होंने आत्महत्या का प्रयास करने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया और इसे ऑनलाइन साझा किया।
वीडियो में, इसरार ने आरोप लगाया कि वह और उनकी पत्नी एसडीएम बीसलपुर नागेंद्र पांडे, बरखेड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष श्याम बिहारी भोजवाल और ठेकेदार मोइन हुसैन द्वारा लगातार उत्पीड़न के कारण यह कदम उठाने को मजबूर हुए।
एक अधिकारी ने कहा कि जोड़े को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इसरार की पत्नी की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कथित वीडियो में इसरार ने दावा किया कि उन्होंने हाल में बरखेड़ा नगर पंचायत में कथित भ्रष्टाचार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
उन्होंने दावा किया कि रिपोर्ट ने मुख्यमंत्री कार्यालय का ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद पुलिस ने उनके परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया।
इसरार ने वीडियो में कहा, ‘हम जहर पी रहे हैं और अपनी जान दे रहे हैं। योगी जी, हमें न्याय चाहिए।’
इसरार ने आरोप लगाया कि ठेकेदार मोइन, चेयरमैन भोजवाल और एसडीएम पांडे ने उन्हें लगातार धमकाया और उन्हें झूठे मामले में फंसाया, जिससे उनके पास यह कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।
वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, एसडीएम बीसलपुर नागेंद्र पांडे ने मीडिया को बताया कि उन्होंने बरखेड़ा के थाना प्रभारी (एसएचओ) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए खारिज कर दिया और दावा किया कि ‘ऐसा कोई मामला नहीं है।’
बीसलपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रतीक दहिया ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस सभी कोणों से गहन जांच कर रही है और निष्कर्षों के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।
नगर पालिका अध्यक्ष श्याम बिहारी भोजवाल ने प्रेस को दिए अपने बयान में कहा कि इस घटना में उनका कोई हाथ नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे घटना के बारे में पता चला है, लेकिन मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। हो सकता है कि ठेकेदार के साथ कोई विवाद हुआ हो।’
ठेकेदार मोइन हुसैन ने अपना बचाव करते हुए दावा किया कि इसरार 18 मई को उनके एक निर्माण स्थल पर आया था और कथित तौर पर 15,000 रुपये की मांग की थी, और धमकी दी थी कि अगर उसकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह नकारात्मक समाचार प्रकाशित कर देगा।
मोइन ने दावा किया कि इसरार ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और जान से मारने की धमकी दी।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
दंपत्ति के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि इसरार और उनकी पत्नी को लगातार परेशान किया जा रहा था।
उन्होंने एसडीएम पांडे, भोजवाल और ठेकेदार मोइन पर धमकी देने और झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लगाया, जिसमें पुलिस की भी कथित तौर पर मिलीभगत रही है।
परिवार ने मांग की कि वीडियो में नामित तीन व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जांच के नतीजे के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भाषा सं जफर नोमान
नोमान
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