बरेली (उप्र), 25 दिसंबर (भाषा) पीलीभीत जिले के पूरनपुर में सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की साझा कार्रवाई में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेएफ) के तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां तराई क्षेत्र में इन आतंकियों के स्थानीय मददगारों की तलाश में जुट गई हैं।
गुरदासपुर में एक ग्रेनेड हमले में कथित तौर पर शामिल तीन संदिग्ध खालिस्तानी आतंकी पीलीभीत में सोमवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आंतकी मॉड्यूल के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि बताया था।
पुलिस महानिरीक्षक (बरेली रेंज) डाक्टर राकेश सिंह ने कहा कि पुलिस और खुफिया एजेंसियां धमकियों के बाद ‘हाई अलर्ट’ पर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जांच जारी है और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा उपाय तेज कर दिए गए हैं। इन आंतकियों की मदद करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
इस घटना के बाद नेपाल की सीमा से लगे क्षेत्र में सुरक्षा के लिए उपाय बढ़ा दिये गए हैं। पूरनपुर से सटी इस सीमा का एक बड़ा हिस्सा ऊबड़ खाबड़ इलाके और उचित ढांचागत सुविधाओं की कमी के चलते काफी हद तक निगरानी से दूर रहता है।
पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) समेत सुरक्षा एजेंसियों ने इस क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है।
सिंह ने आश्वस्त किया कि सीमावर्ती इलाकों में कड़ी निगरानी की जा रही है और पुलिस एवं एसएसबी के बीच मजबूत समन्वय है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अवांछित तत्वों का प्रवेश रोकने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
पीलीभीत में इस मुठभेड़ से पूर्व इसी महीने पंजाब के विभिन्न जिलों में तीन बम धमाके हुए थे।
एक अधिकारी ने बताया कि इस मुठभेड़ के बाद ‘एक्स’ पर एक व्यक्ति द्वारा प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आतंक फैलाने की धमकी दिए जाने के बाद मंगलवार को यहां पुलिस में एक मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘24 दिसंबर को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा किया गया जिसमें एक व्यक्ति हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग करते हुए सुना गया। वह राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ भी अपमानजनक शब्दों का उपयोग कर रहा था। इस व्यक्ति ने महाकुंभ में मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर आतंक फैलाने की धमकी दी।’’
बयान में कहा गया कि इस कथित वीडियो के सामने आने के बाद पीलीभीत के साइबर पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया है।
भाषा सं राजेंद्र अमित
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