कोच्चि, 28 मई (भाषा) केरल उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर दावा किया गया है कि संसद को विधेयकों के नाम अंग्रेजी के अलावा अन्य किसी भी भाषा में रखने का अधिकार नहीं है।
याचिका एक अधिवक्ता ने दाखिल की है, जिसमें अदालत से केंद्र सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नाम अंग्रेजी में रखे जाएं, जो तीनों कानून क्रमश: दंड प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
याचिका में अदालत से यह घोषणा करने का भी अनुरोध किया गया है कि इन विधेयकों के नाम हिंदी और संस्कृत में रखना संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है।
याचिकाकर्ता वकील पी वी जीवेश ने कहा कि केंद्र ने इन महत्वपूर्ण विधेयकों के शीर्षक हिंदी और संस्कृत में दिए हैं, जबकि दक्षिण भारत में विधिक बिरादरी का बड़ा हिस्सा इन दोनों भाषाओं में प्रवीण नहीं है।
भाषा वैभव दिलीप
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