नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर देश में पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रमों की समीक्षा के लिए विधि शिक्षा आयोग या विशेषज्ञ समिति गठित करने का आग्रह किया गया है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘नयी शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 सभी व्यावसायिक और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में चार साल के स्नातक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देती है, लेकिन भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने विधि स्नातक (एलएलबी) और विधि स्नातकोत्तर (एलएलएम) पाठ्यक्रमों के मौजूदा पाठ्यक्रम, पाठ्यचर्या और अवधि की समीक्षा करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए हैं।
इसमें कहा गया है कि बीए-एलएलबी और बीबीए-एलएलबी पाठ्यक्रमों की पांच वर्ष की अवधि ‘‘पाठ्यक्रम सामग्री के अनुपात से अधिक’’ है और लंबी अवधि के कारण छात्रों पर अत्यधिक वित्तीय बोझ पड़ता है।
भाषा
नेत्रपाल माधव
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