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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशमोदी और योगी के साथ तस्वीरें, MP चुनावों का प्रचार- IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों का BJP IT सेल से था संबंध

मोदी और योगी के साथ तस्वीरें, MP चुनावों का प्रचार- IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों का BJP IT सेल से था संबंध

जानकारी के अनुसार आरोपियों में से एक वाराणसी के बृज एन्क्लेव से स्थानीय भाजपा पार्षद मदन मोहन के दामाद है. इन तीनों के फेसबुक प्रोफाइल में पार्टी के आईटी सेल से इनका लिंक साफ पता चलता है.

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लखनऊ: कुणाल पाण्डेय, सक्षम पटेल और आनंद उर्फ ​​अभिषेक चौहान – भाजपा आईटी सेल के तीन सदस्यों को आईआईटी-बीएचयू परिसर के अंदर कथित गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार किया गया, और उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा सहित अन्य लोगों के साथ उनकी तस्वीरों से भरे हुए हैं.

25 जून को फेसबुक प्रोफाइल पर अपलोड की गई तस्वीरों के अनुसार, पाण्डेय को भाजपा की वाराणसी इकाई के अन्य नेताओं के साथ भोपाल की एक ट्रेन के बाहर देखा गया है, जहां उन्होंने मध्य प्रदेश चुनाव से पहले मेरा बूथ सबसे मजबूत अभियान के हिस्से के रूप में यात्रा की थी.

2 नवंबर को कथित गैंगरेप के कारण आईआईटी-बीएचयू निदेशक के कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन हुआ था. जबकि प्रारंभिक एफआईआर आईपीसी की धारा 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और आईटी अधिनियम के तहत आरोप दर्ज की गई, गैंगरेप (आईपीसी 376-डी) और महिलाओं की गरिमा का अपमान (509) से संबंधित धाराएं बाद में जोड़ी गईं.

सामने आया है कि पीड़िता ने 5 नवंबर को एक सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान की थी.

IIT-BHU के एक आधिकारिक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि सर्वाइवर ने वास्तव में 5 नवंबर को मुख्य बीएचयू परिसर के सिंह द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे के 1-2 नवंबर की मध्यरात्रि के फुटेज से तीनों की पहचान की थी.

कैमरे में उन्हें सिंह द्वार से बुलेट बाइक पर बैठकर मुख्य बीएचयू परिसर में प्रवेश करते हुए देखा गया.

सूत्र ने कहा, “पहचान 5 नवंबर को की गई थी लेकिन पुलिस ने बाद में कहा था कि सारी जानकारी केवल पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को ही दी जाएगी.”

इसके अलावा पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने के बाद ही लड़की की मेडिकल जांच कराई थी.

तीनों को रविवार सुबह गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव और यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने दावा किया कि आरोपियों के भाजपा के साथ मजबूत संबंध थे.

जबकि पाण्डेय ने अपने फेसबुक पेज पर खुद को भाजपा आईटी सेल के संयोजक के रूप में प्रदर्शित किया हुआ है, पटेल का दावा है कि वह भाजपा वाराणसी शहर इकाई के आईटी सेल के सह-संयोजक हैं, जबकि आनंद चौहान उसी की कार्य समिति का हिस्सा थे.

वाराणसी के एक भाजपा नेता के अनुसार, पाण्डेय सुंदरपुर क्षेत्र में वाराणसी के बृज एन्क्लेव के स्थानीय भाजपा पार्षद मदन मोहन तिवारी के दामाद हैं, जो उस स्थान से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित है जहां कथित तौर परगैंगरेप हुआ था.

पाण्डेय के फेसबुक पेज पर मोदी, योगी, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय, यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, यूपी के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत अन्य लोगों के साथ उनकी तस्वीरें हैं.

जबकि फेसबुक प्रोफ़ाइल और कवर तस्वीर में उन्हें मोदी और नड्डा के साथ दिखाया गया है. पाण्डेय ने पाठक, देव सिंह, पूर्व भाजपा राज्य उपाध्यक्ष, वर्तमान सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई तस्वीरें अपलोड की हैं.

इसके अलावा वाराणसी संसदीय क्षेत्र के जनसंपर्क प्रभारी शिव शरण पाठक के साथ बीजेपी की बैठकों के पंपलेट की तस्वीरें भी हैं.

25 जून की तस्वीरों में से एक में, पाण्डेय को भाजपा वाराणसी प्रांत के अध्यक्ष दिलीप पटेल और शहर अध्यक्ष विद्यासागर पटेल के साथ देखा जा सकता है, अन्य में उन्हें साथी कार्यकर्ताओं के साथ ट्रेन के अंदर बैठे देखा जा सकता है.

पाण्डेय ने भाजपा वाराणसी के आईटी सेल के सदस्यों की एक सूची भी अपलोड की है जिसमें आईटी सेल के “रविदास मंडल” के संयोजक के रूप में सक्षम पटेल का नाम शामिल है और आईटी सेल के संयोजक और भाजपा के वाराणसी शहर अध्यक्ष विद्यासागर राय के रूप में उनके द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं.

17 नवंबर को अपलोड किया गया एक वीडियो भी है जिसमें कथित तौर पर पाण्डेय को वाराणसी में यूपी सीएम के काफिले के पीछे जाते हुए दिखाया गया है.


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RSS कार्यकर्ता, योगी और डिप्टी CM के साथ तस्वीरें

अपने फेसबुक प्रोफ़ाइल पर, सक्षम खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य के रूप में पेश करते है. उनकी कवर फोटो भी मोदी के साथ है.

उनके फेसबुक पेज पर कई तस्वीरें हैं – एक आरएसएस की पोशाक में, एक जिसमें उन्हें वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव द्वारा सम्मानित किया गया है और एक यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ.

सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर सक्षम ने 9 जून, 2022 की एक पोस्ट के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ तस्वीरें अपलोड की हैं, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने “भाजपा की आईटी सेल और सोशल मीडिया की कोर टीम की एक महत्वपूर्ण बैठक” में भाग लिया.

कुछ ऐसी तस्वीरें भी हैं जिनमें उन्हें नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ दिखाया गया है.

चौहान की फेसबुक प्रोफ़ाइल की कवर फोटो में वह एक कार्यक्रम में केशव मौर्य के साथ हैं, जबकि 19 जनवरी 2022 की एक अन्य तस्वीर में वे योगी के साथ दिख रहे हैं.

बीजेपी वाराणसी शहर अध्यक्ष विद्यासागर पटेल ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि तीनों ने पार्टी के आईटी सेल में काम किया था. उन्होंने कहा, “उन्होंने पहले हमारे साथ काम किया था लेकिन नवंबर के बाद से आईटी सेल का पुनर्गठन नहीं किया गया है. हमें (तीनों में से) किसी भी आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं है.”

पटेल ने यह भी स्वीकार किया कि पाण्डेय भाजपा पार्षद मदन मोहन तिवारी के दामाद थे, लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी को आपराधिक गतिविधियों में किसी भी पिछली संलिप्तता के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा, “किसी के चेहरे पर यह नहीं लिखा है कि वह चोर है.”

विपक्षी नेताओं के इस आरोप की याद दिलाने पर कि तीनों वाराणसी में भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारी हैं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि जिन लोगों ने अपराध किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “जनता का कोई भी सदस्य नेताओं के साथ तस्वीरें क्लिक करवा सकता है. अगर उन्होंने किसी के साथ तस्वीरें खिंचवाई भी हैं, तो उन्हें देश के कानून का सामना करना पड़ेगा और हमारी सरकार के तहत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है. पहले जब अखिलेश यादव के शासनकाल में ऐसी घटनाएं होती थीं या राहुल गांधी की पार्टी का कोई व्यक्ति अपराध करता था तो कार्रवाई नहीं होती थी, लेकिन हमारी सरकार में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”

इस बीच, आईआईटी-बीएचयू छात्र संसद के उपाध्यक्ष प्रणव मुकुल ने दिप्रिंट को बताया कि यह वाराणसी पुलिस को जवाब देना है कि उन्हें आरोपी की पहचान उजागर करने में दो महीने क्यों लग गए.

उन्होंने कहा, “हमें अपराधी की पहचान के बारे में नहीं पता था. हमें उनसे किसी राजनीतिक जुड़ाव की उम्मीद नहीं थी. पुलिस को जवाब देना होगा कि गिरफ्तारी में इतनी देरी क्यों हुई और किस वजह से गिरफ्तारी में देरी हुई. पुलिस ने आईआईटी-बीएचयू परिसर में लगे कैमरों से सीसीटीवी फुटेज ले ली थी, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के दिन तक उनकी पहचान जारी नहीं की गई थी.”

मुकुल ने कहा कि पीड़िता ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आरोपियों की पहचान की और उन्हें अदालत में पेश किया गया.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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