scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमदेशपीएफआई हिंसक गतिविधियों में शामिल: आरएसएस पदाधिकारी का आरोप

पीएफआई हिंसक गतिविधियों में शामिल: आरएसएस पदाधिकारी का आरोप

Text Size:

नागपुर, 21 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक ‘गंभीर खतरा’ है क्योंकि इसके सदस्य हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं और समाज में सांप्रदायिक नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

केरल आधारित कट्टरपंथी समूह हाल ही में तब सुर्खियों में आया था जब इसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया को कर्नाटक में हिजाब विवाद से जोड़ा गया था।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख (मीडिया/प्रचार शाखा प्रमुख) सुनील आंबेकर ने कहा, ‘‘एबीवीपी (आरएसएस की छात्र इकाई) उनके सांप्रदायिक एजेंडे को बेनकाब करने की कोशिश कर रही है।’’

आंबेकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा, ‘‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक गंभीर मुद्दा है … एक गंभीर खतरा है क्योंकि वे हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं। वे सांप्रदायिक नफरत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों को इन सभी चीजों के बारे में जागरूक होना चाहिए।’’

इस बीच, संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया पर हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया और इस संगठन को 2017 में आरएसएस के स्वयंसेवकों और छात्रों की हत्याओं से जोड़ने का प्रयास किया।

दूसरे पदाधिकारी ने कहा, ‘‘एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) केरल, बेंगलुरु और तटीय क्षेत्रों में लगातार उन्हें बेनकाब करने के लिए काम कर रही है, जहां वे अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

उन्होंने एक सवाल पर कहा कि संघ समाज के लोगों और बुद्धिजीवियों तक पहुंचता रहता है और उन लोगों का भी स्वागत करता है जो इससे बात करना चाहते हैं। लेकिन, वे वार्ताएं गैर-राजनीतिक और अनौपचारिक प्रकृति की होती हैं।

भाषा अमित प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments