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Friday, 20 December, 2024
होमदेशआतंकी संगठनों से PFI के जुड़े होने के मिले सबूत, गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत 5 साल के लिए लगाया प्रतिबंध

आतंकी संगठनों से PFI के जुड़े होने के मिले सबूत, गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत 5 साल के लिए लगाया प्रतिबंध

देशभर में पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार करने और कई दर्जन संपत्तियों को जब्त करने के कुछ दिन बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है.

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.

आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पावर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि पीएफआई और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है.

अधिसूचना में कहा गया है कि संगठन देश के खिलाफ असंतोष उत्पन्न करने के इरादे से ‘राष्ट्र विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने और समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने’ की लगातार कोशिश कर रहा है.

गृह मंत्रालय ने कहा, ‘उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है.’

देशभर में पीएफआई से संबद्ध ठिकानों पर छापेमारी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार करने और कई दर्जन संपत्तियों को जब्त करने के कुछ दिन बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है.

अच्छा कदम

पीएफआई पर बैन पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि, ‘राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि पीएफआई का इसमें हाथ था. यहां पर भी जब सिद्धारमैया कि सरकार थी उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी.’

वही इस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया था. भारत सरकार ने सही फैसला लिया है. यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए एक संदेश है. मैं लोगों से ऐसे संगठनों से नहीं जुड़ने का आग्रह करता हूं,’.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस पर प्रतिकिरिया देते हुए कहा, ‘मैं भारत सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जायगा.’

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा, पीएफआई की असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां लगातार जारी थी. विभिन्न जांच एजेंसियां जांच कर रही थी. जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय ने जो निर्णय लिया है उसकी पूरे देश ने सराहना की है.

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी बोले, ‘सरकार ने कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है. भारत की सरज़मीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरज़मीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती जिससे मुल्क़ की एकता-अखंडता को खतरा हो.’


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