नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर कर महाराष्ट्र के राज्यपाल को ‘जनादेश के खिलाफ’ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस को सरकार गठन के लिये न्योता नहीं देने का अनुरोध किया गया है.
याचिका में ऐसे गठबंधन को ‘असंवैधानिक’ करार देने की भी मांग की गई है.
गठबंधन को ‘अनैतिक’ करार देते हुए महाराष्ट्र निवासी सुरेंद्र इंद्रबहादुर सिंह ने कहा कि जिन दलों के खिलाफ शिवसेना ने चुनाव लड़ा, उन्हीं के साथ मिलकर सरकार बनाने की इजाजत दिया जाना संवैधानिक मान्यताओं के खिलाफ होगा और यह जनादेश को कमजोर करने जैसा होगा.
याचिका में कहा गया, ‘यह याचिका तीनों राजनीतिक दलों के खिलाफ अनैतिक गठबंधन को रोकने की मांग करती है, जिन्होंने अलग-अलग चुनाव लड़ा था लेकिन अब चुनावी जनादेश को धोखा दे साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’
यह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ दायर दूसरी याचिका है. पहली याचिका प्रमोद पंडित जोशी द्वारा दायर की गई थी जिसमें उन्होंने गठबंधन को सत्ता हासिल करने के लिये मतदाताओं से ‘धोखा’ घोषित करने की मांग की थी.
जनहित याचिका में कहा गया कि राज्यपाल लोकप्रिय सरकार की परिकल्पना पर विचार करने के लिये संवैधानिक रूप से बाध्य हैं. लेकिन शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच चुनाव बाद गठबंधन सत्ता की साझेदारी की परिकल्पना पर आधारित है और इन दलों को लोगों ने मतदान देकर बाहर किया था.
याचिका में आरोप लगाया गया कि भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली शिवसेना के रुख में बदलाव ‘कुछ और नहीं बल्कि लोगों द्वारा राजग में जताए गए विश्वास से धोखा है.’