scorecardresearch
Friday, 15 November, 2024
होमदेशSC में हिजाब बैन से जुड़े कर्नाटक HC के फैसले पर जल्द सुनवाई की मांग करने वाली याचिका दाखिल की गई

SC में हिजाब बैन से जुड़े कर्नाटक HC के फैसले पर जल्द सुनवाई की मांग करने वाली याचिका दाखिल की गई

सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष कर्नाटक एचसी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख किया.

Text Size:

नई दिल्ली: मंगलवार को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं की जल्द सुनवाई की मांग वाली एक याचिका मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है.

सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष कर्नाटक एचसी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख किया.

जस्टिस रमन्ना ने कहा कि वो बेंच गठित करेंगे और बताया कि एक जज की स्वास्थय ठीक नहीं है और याचिकाकर्ता को इंतिजार करने को कहा.

सीजीआई ने यह भी कहा कि जैसे ही जज की सेहत में सुधार होगा केस को लिस्ट कर दिया जाएगा.

कई याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें कर्नाटक सरकार के आदेश को बरकरार रखा गया है, जो स्कूलों और कॉलेज की वर्दी के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में दी गई अपीलों में से एक में ‘सरकारी अधिकारियों के सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया गया है, जिसने छात्रों को अपने विश्वास का अभ्यास करने से रोका है और इसके नतीजे में अवांछित कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हुई है.’

अपील में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में ‘अपने दिमाग को लागू करने में पूरी तरह से विफल रहा है और स्थिति की गंभीरता के साथ-साथ भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत निहित आवश्यक धार्मिक प्रथाओं के मूल पहलू को समझने में असमर्थ था.

इसमें आगे कहा गया, ‘हिजाब या स्कार्फ पहनना इस्लाम में एक अहम हिस्सा है.’

कर्नाटक हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच ने माना था कि वर्दी का निर्धारण एक उचित प्रतिबंध है जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते और शिक्षा में हिजाब पर रोक को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया.

हिजाब विवाद इस साल जनवरी में तब देशभर में चर्चा का विषय बना गया था जब उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को प्रवेश करने से रोक दिया. इसके बाद प्रवेश नहीं दिए जाने को लेकर छात्राएं कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गईं थी.


यह भी पढ़ेंः ‘दबदबा बढ़ाना नई रणनीति’—वायुसेना प्रमुख चौधरी ने साइबर, स्पेस डोमेन को ‘नया युद्धक्षेत्र’ करार दिया


share & View comments