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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में अवैध खनन का आरोप लगाने वाली याचिका खारिज, एक लाख रुपये का जुर्माना

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नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में अवैध खनन गतिविधियों का आरोप लगाने वाली याचिका को कानून का ‘दुरुपयोग’ मानते हुए खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे साफ-सुथरी मंशा से आएं और अपनी प्रामाणिकता से संबंधित सभी सामग्री का खुलासा करें।

पीठ ने कहा कि आवेदक की ओर से मामले की तत्कालिकता जताए जाने से उसने संबंधित कलेक्टर को बाद में संबंधित स्थल का दौरा करने एवं एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने पाया कि कलेक्टर की रिपोर्ट में याचिकाकर्ता के आरोपों में कोई तथ्य नहीं पाया गया।

पीठ ने कहा कि रिपोर्ट से पता चला है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कुछ गंभीर मामले दर्ज किए गए थे और उसने अपने आवेदन में इसके बारे में कुछ भी खुलासा नहीं किया था।

पीठ ने कहा, ‘‘जब कोई वादी अदालत में आता है, तो उससे अपेक्षा की जाती है कि वह साफ-सुथरे हाथों से आए और अपनी प्रामाणिकता से संबंधित सभी सामग्री का खुलासा करे।’’

न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा मामला संज्ञान में लाए जाने के बाद उसने संबंधित कलेक्टर को तत्काल कार्रवाई के लिए कहा।

इसने कहा, ‘‘हालांकि, याचिकाकर्ता की ओर से लगाए गए आरोपों में कोई तथ्य नहीं पाया गया। इसलिए, हम पाते हैं कि वर्तमान मामला कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के अलावा और कुछ नहीं है।’’

परिणामस्वरूप, पीठ ने जुर्माने के साथ याचिका खारिज कर दी।

जब याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने जुर्माना नहीं लगाने का अनुरोध किया, तो पीठ ने कहा, ‘‘अदालत के प्रति सच्चे रहें।’’

न्यायालय ने राज्य सरकार की स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन किया, जिसमें कहा गया था कि क्षेत्र में पट्टे पर चल रही खदानों ने रेलवे और वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के अलावा ग्राम सभा से सहमति लेने के बाद कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया।

रिपोर्ट में अवैध उत्खनन और परिवहन के खिलाफ दर्ज किए जा रहे मामलों का भी उल्लेख किया गया है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल मई में एक अलग याचिका में कहा था कि महत्वपूर्ण बाघ अभयारण्य की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों को जारी रखना उसके अप्रैल 2023 के आदेश की अवमानना ​​होगी।

न्यायालय ने 26 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य के भीतर और अभयारण्य की सीमा से एक किलोमीटर के भीतर खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।

भाषा सुरेश माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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