नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया. पूर्व राष्ट्रपति ने दुबई में अंतिम सांस ली. बीते कई सालों से वह हृदय और सांस संबधित कई बीमारियों से पीड़ित थे. परवेज मुशर्रफ 20 जून 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे. भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध के लिए उन्हें ही जिम्मेदार माना जाता है.
साल 2016 में पाकिस्तान की अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था. उसके बाद से ही वह दुबई में रह रहे थे.
परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में ही हुआ था लेकिन भारत-पाकिस्तान का बंटवारा होने के कारण उनका परिवार दिल्ली से पाकिस्तान चला गया. उसके बाद उनका परिवार कुछ सालों के लिए तुर्की में ही रहा लेकिन साल 1957 में पूरा परिवार दोबारा पाकिस्तान आकर बस गया.
कारगिल युद्ध की साजिश
जनरल परवेज मुशर्रफ को कारगिल युद्ध की साजिश रचने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. शुरुआत में तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ और उनकी कैबिनेट तक को लड़ाई के प्लान की भनक नहीं लग सकी थी. बाद में नवाज शरीफ ने कहा था कि ऑपरेशन उनकी जानकारी के बिना किया गया था.
जनरल परवेज मुशर्रफ ने 21 साल की उम्र में पाकिस्तान की आर्मी को ज्वाइन किया था. साल 1965 का भारत पाकिस्तान युद्ध उन्होंने लड़ा था जिसके लिए पाकिस्तान सरकार से उसे मेडल भी मिला था. हालांकि यह युद्ध पाकिस्तान हार गया था. उसके बाद साल 1971 का भारत पाक युद्ध में भी मुशर्रफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. 1998 में जाकर मुशर्रफ पाकिस्तानी सेना के सर्वोच्च पद जनरल बने. साल 1999 में मुशर्रफ ने तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के तख्तापलट की कोशिश की थी . 11 सितंबर 2001 के हमले के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो मुशर्रफ अमेरिका के समर्थन में खड़े हुए थे.
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