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शनिवार, 5 जुलाई, 2025
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नारायण मूर्ति की ‘70 घंटे काम’ की टिप्पणी पर ‘एक्स’ पर लोगों की दिखी बंटी हुई राय

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नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) इंफोसिस के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति ने टिप्पणी की है कि देश की उत्पादकता बढ़ाने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए जिसे लेकर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ एक नयी बहस छिड़ गयी है।

इंफोसिस के सीएफओ मोहनदास पई के साथ ‘3वन4’ कैपिटल के पॉडकास्ट ‘द रिकॉर्ड’ के उद्घाटन एपिसोड में बातचीत के दौरान मूर्ति ने कहा कि युवाओं को अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अतिरिक्त घंटे काम करना चाहिए।

उन्होंने भारत की तुलना चीन, जापान और जर्मनी से करते हुए कहा, ‘‘ भारत की कार्य उत्पादकता दुनिया में सबसे कम उत्पादक देशों में एक है। जब तक हम अपनी कार्य उत्पादकता में सुधार नहीं करते… हम उन देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे जिन्होंने बहुत अधिक प्रगति की है।’’

मूर्ति ने कहा, ‘‘इसलिए, मेरा अनुरोध है कि हमारे युवाओं को कहना चाहिए, ‘यह मेरा देश है। मैं सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहूंगा।’’

मूर्ति की टिप्पणियों की कुछ लोगों ने ‘अधिक काम करने की संस्कृति’ को बढ़ावा देने वाली करार देकर आलोचना की जबकि कुछ अन्य लोगों ने युवाओं को काम करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश के लिए उनकी प्रशंसा की।

भारतीय हास्य कलाकार और अभिनेता वीर दास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जीवन कठिन है। आप एक लड़की से मिलते हैं, प्यार में पड़ जाते हैं, शादी कर लेते हैं। उसके पिता चाहते हैं कि आप सप्ताह में 70 घंटे काम करें। आप इतनी मेहनत नहीं कर सकते, आप बस आराम करना चाहते हैं और इंग्लैंड चलाओ।’’

एक अन्य ‘एक्स’ उपयोगकर्ता ने कहा कि ‘अधिक काम’ से उन्हें तनाव और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हुईं। उसने कहा, ‘‘ 38 साल की उम्र में ज्यादा काम करने से मुझे दिल का दौरा पड़ा और जीवन भर दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ा! कृपया इन लोगों की बात न सुनें, खून चूसने वाली जोंकें ऊंची कुर्सियों पर बैठकर व्याख्यान देती हैं।’’

मूर्ति के बयान का कई लोगों ने समर्थन भी किया है और कहा है कि यह भारत को आगे ले जाने के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा, ‘‘मैं नारायण मूर्ति के बयान का दिल से समर्थन करता हूं। यह थकावट के बारे में नहीं है, यह समर्पण के बारे में है। हमें भारत को 2047 में एक आर्थिक महाशक्ति बनाना है जिस पर हम सब गर्व कर सकें। पांच दिवसीय सप्ताह की संस्कृति वह नहीं है जो हमारे आकार के तेजी से विकासशील देश को चाहिए।’’

ओला कैब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भाविश अग्रवाल ने भी ‘एक्स’पर समर्थन में पोस्ट किया, ‘‘ माननीय मूर्ति के विचारों से पूरी तरह सहमत हूं। यह हमारा समय नहीं है कि कम काम करे और अपना मनोरंजन करें। बल्कि यह हमारा वह पल है जब हम सब कुछ करें और एक ही पीढ़ी में वह बनाएं जो अन्य देशों ने कई पीढ़ियों में बनाया है।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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