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Wednesday, 15 October, 2025
होमदेशसारंडा के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग, हेमंत सोरेन बोले — जिन्होंने जंगल बसाया, उन्हें ही नियमों में न बांधा जाए

सारंडा के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग, हेमंत सोरेन बोले — जिन्होंने जंगल बसाया, उन्हें ही नियमों में न बांधा जाए

हेमंत सोरेन ने कहा कि सारंडा जंगल क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी.

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रांची: कोल्हान-सारंडा क्षेत्र में रहने वाले लोग बुधवार को बड़ी संख्या में सड़क पर उतरे. उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा उच्चतम न्यायालय में लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई के समर्थन में आवाज़ बुलंद की.

हेमंत सोरेन ने कहा कि सारंडा जंगल क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी.

उन्होंने कहा, “मेरी मुख्य चिंता सारंडा क्षेत्र में रह रहे लोग हैं. हम विरासत में मिले विवादों को सुलझा रहे हैं. मेरी लड़ाई इसी बात की है कि जिन्होंने जंगल को लगाया और पीढ़ियों से उसकी रक्षा की, उन्हीं को नियम-कानूनों के नाम पर परेशान न किया जाए. आखिर कब तक आदिवासियों को कानूनों में बाँधकर प्रताड़ित किया जाता रहेगा?”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वहां के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

सोरेन ने कहा, “हम लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे. वहां के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हम खनिज संसाधनों को कुछ समय के लिए नज़रअंदाज़ भी कर सकते हैं, लेकिन लोगों के अधिकार से कोई समझौता नहीं होगा,” सोरेन ने कहा.

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार न्यायालय का निर्णय तभी मानेगी जब इस मामले में मानवीय पहलुओं पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा, “यह लड़ाई वहां के लोगों की ही नहीं, मेरी भी है. हम हर संभव प्रयास करेंगे कि इस लड़ाई को जीतें.”

इधर, आदिवासी संगठनों ने सारंडा सेंचुरी मामले में पुनर्विचार की मांग को लेकर महामहिम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा है. संगठनों ने 25 अक्टूबर को कोल्हान क्षेत्र में आर्थिक नाकेबंदी करने का भी ऐलान किया है.

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