नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र या राज्य सरकार की नौकरी करने वाला या उससे जुड़ा कोई व्यक्ति राज्य के चुनाव आयुक्त के तौर पर काम नहीं कर सकता. उसने कहा कि इस जिम्मेदारी को एक स्वतंत्र व्यक्ति द्वारा संभाला जाना चाहिए.
यह फैसला गोवा सरकार की अपील पर आया है जो उसने पंचायत चुनाव पर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर की थी.
पीठ ने कहा कि चुनाव आयुक्त स्वतंत्र व्यक्ति होने चाहिए और कोई भी सरकार अपने अधीन किसी कार्यालय में काम करने वाले व्यक्ति को चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त नहीं कर सकती है.
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने गोवा राज्य निर्वाचन आयोग को यह निर्देश भी दिया कि आज से दस दिन के भीतर वह पंचायत चुनावों के लिए अधिसूचना जारी करे और चुनाव प्रक्रिया 30 अप्रैल तक पूरी करे.
न्यायालय ने कहा कि संविधान के तहत यह राज्य का कर्तव्य है कि वह राज्य निर्वाचन आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करे.
गोवा सरकार द्वारा अपने विधि सचिव को राज्य चुनाव आयोग का अतिरिक्त प्रभार सौंपने पर भी शीर्ष अदालत ने कड़ी आपत्ति जताई.
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