जम्मू, छह अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता वहीद उर रहमान पारा ने विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर को पत्र लिखकर बजट सत्र के अंतिम चरण में राज्य का दर्जा बहाल करने से जुड़े तीन निजी प्रस्तावों को अनुमति देने पर सवाल उठाया है।
बजट सत्र का अंतिम चरण 12 दिन के अवकाश के बाद सोमवार से शुरू हो रहा है।
पारा ने 1931 में श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर डोगरा राजा के सैनिकों की गोलीबारी का शिकार हुए 22 लोगों की याद में 13 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश के लिए अपने शहीद दिवस प्रस्ताव को बहाल करने की भी मांग की।
अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने अवकाश को खत्म कर दिया था।
सात से नौ अप्रैल तक चलने वाले बजट सत्र के अंतिम चरण के दौरान विधानसभा में कुल 14 निजी प्रस्ताव पेश किए जाएंगे, जिनमें से तीन राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग से संबंधित हैं।
संशोधित कैलेंडर के अनुसार, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद विधानसभा का पहला बजट सत्र तीन मार्च को जम्मू में शुरू हुआ, जिसमें कुल 21 बैठकें होनी हैं।
पारा ने विधानसभा अध्यक्ष को तीन पन्नों के पत्र में कहा, “मैं बुलेटिन में शहीद दिवस के प्रस्ताव के न होने पर गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए पत्र लिख रहा हूं…मैं समझता हूं कि सदस्य के निजी प्रस्ताव बैलेट प्रक्रिया के अधीन होते हैं, और मेरे शहीद दिवस (13 जुलाई) के प्रस्ताव को बाहर रखने के पीछे एक प्रक्रियागत स्पष्टीकरण हो सकता है।”
उन्होंने कहा कि प्रक्रियात्मक नियमों को 13 जुलाई की ऐतिहासिक घटना के ‘राजनीतिक महत्व को दबाने के लिए हथियार नहीं बनाया जा सकता।’
पारा ने कहा कि विधानसभा सचिवालय द्वारा 26 मार्च को जारी बुलेटिन में राज्य का दर्जा बहाल करने से संबंधित तीन प्रस्ताव शामिल हैं, जो नियम का स्पष्ट उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा पहले ही पिछले साल छह नवंबर को विशेष दर्जे की बहाली के लिए एक प्रस्ताव पारित कर चुकी है।
भाषा नोमान प्रशांत
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