जम्मू, 16 अप्रैल (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विधायक वहीद उर रहमान पर्रा ने भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत की नवीनतम पुस्तक में किए गए उस खुलासे को लेकर बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा है कि फारूक अब्दुल्ला ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का ‘‘निजी तौर पर समर्थन’’ किया था।
पर्रा ने नेकां पर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ एक ‘‘सौदेबाजी’’ करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा के साथ अपनी पार्टी के पिछले गठबंधन का बचाव किया।
पीडीपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘गठबंधन और गुप्त समझौते में अंतर होता है।’’
यहां पीडीपी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए पर्रा ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को दुलत के सनसनीखेज खुलासे पर केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘दुलत की किताब में फारूक साहब पर पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में शामिल होने और निजी तौर पर इसका समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। यह एक बड़ा आरोप है… हम चाहते हैं कि वह (अब्दुल्ला) अपने दोस्त द्वारा लगाए गए आरोपों पर स्पष्टीकरण दें।’’
फारुक अब्दुल्ला ने दुलत के इस दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और आरोप लगाया कि दुलत अपनी आगामी किताब के प्रचार के लिए इस तरह की ‘‘सस्ती लोकप्रियता’’ का सहारा ले रहे हैं।
अब्दुल्ला ने दुलत के इस दावे को खारिज कर दिया कि यदि नेकां को विश्वास में लिया गया होता तो वह पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने के प्रस्ताव को पारित कराने में मदद करती। नेकां अध्यक्ष अब्दुल्ला (87) ने इस पर कहा कि यह लेखक की महज एक ‘‘कल्पना’’ है।
दुलत की किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ का 18 अप्रैल को विमोचन होने वाला है।
पर्रा ने दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में भाजपा की गुप्त रूप से मदद कर रही है और कहा कि यह विधानसभा के हाल में संपन्न बजट सत्र में स्पष्ट हो गया था, जब अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को महत्वपूर्ण निजी सदस्यों के संकल्पों और विधेयकों को रोकने के लिए हंगामा करने की अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि तमिलनाडु विधानसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर प्रस्ताव पारित हो सकता है, तो जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित क्यों नहीं होने दिया गया?’’
पर्रा ने कहा कि पीडीपी 2014 से 2018 तक भाजपा के साथ गठबंधन में थी। उन्होंने नेकां पर भाजपा के साथ गुप्त समझौता करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन और सौदेबाजी में अंतर होता है। (पीडीपी के दिवंगत संरक्षक) मुफ्ती मोहम्मद सईद ने समाधान के लिए (भाजपा के साथ) गठबंधन किया था और उन्होंने इसे खुलेआम किया था। लेकिन उसने (नेकां) इसे गुप्त रूप से किया। उन्होंने एक सौदा किया और उस सौदे का नतीजा यह हुआ कि 1947 से जम्मू-कश्मीर का विनाश हो रहा है, इसकी वजह यह (अब्दुल्ला) परिवार और संगठन है।’’
भाषा
देवेंद्र प्रशांत
प्रशांत
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