नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को रिहा कर दिया गया है. जम्मू कश्मीर प्रशासन के सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जा रहा है.
बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से ही महबूबा हिरासत में थीं.
महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया- ‘महबूबा मुफ्ती की अवैध हिरासत आखिरकार खत्म हो गई. मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद करती हूं जिन्होंने इन मुश्किल घड़ी में मेरा समर्थन किया. मैं आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं. अल्लाह आपकी रक्षा करें.’
As Ms Mufti’s illegal detention finally comes to an end, Id like to thank everybody who supported me in these tough times. I owe a debt of gratitude to you all. This is Iltija signing off. فی امان اﷲ May allah protect you
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
बता दें कि महबूबा पिछले 14 महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं. जुलाई में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत उनकी हिरासत में तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया था.
पिछले महीने महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि कब तक और किस आदेश के तहत केंद्र सरकार महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखना चाहती है. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा द्वारा दायर आवेदन पर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसी को हमेशा हिरासत में नहीं रखा जा सकता और कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को पार्टी की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए अधिकारियों से अनुरोध करना चाहिए.
बता दें कि 2016 में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के दौरान जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री महबूबा बनीं थीं. महबूबा को पहले सीआरपीसी के धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में विवादास्पद सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत नज़रबंद किया गया.
शुरुआत में, महबूबा को चेशमा शाही गेस्ट हाउस में रखा गया था और फिर बाद में उन्हें एम ए लिंक रोड पर एक दूसरे सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया था. इसके बाद पीडीपी अध्यक्ष को उनके आवास पर ले जाया गया जहां वह नजरबंद रही.
बता दें कि महबूबा मुफ्ती के साथ साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को भी हिरासत में लिया गया था जिन्हें पहले ही रिहा किया जा चुका है. इन दोनों के ऊपर भी पीएसए लगाया गया था. फारूक और उमर अब्दु्ल्ला ने महबूबा सहित नजरबंद सभी नेताओं को रिहा करने की अपील की थी.
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