पुणे, 24 मई (भाषा) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि राजनीति में पवार और ठाकरे ब्रांड को ‘खत्म करने’ के प्रयास किए गए, लेकिन उन्हें मिटाया नहीं जा सकता।
पुणे में एक मराठी समाचार पोर्टल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राज ठाकरे ने महाराष्ट्र और देश की राजनीति में पवार और ठाकरे उपनामों की प्रासंगिकता के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक ठाकरे ‘ब्रांड’ का सवाल है, मेरे दादा प्रभोदनकर ठाकरे ने महाराष्ट्र पर पहला बड़ा प्रभाव डाला। उनके बाद बालासाहेब ठाकरे और फिर मेरे पिता संगीतकार श्रीकांत ठाकरे ने अपनी छाप छोड़ी। बाद में उद्धव और मैंने भी अपना प्रभाव साबित किया। ’’
मनसे नेता ने कहा कि निस्संदेह इन ब्रांड को खत्म करने के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन दोहराया कि इन्हें आसानी से मिटाया नहीं जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि भले ही शीर्ष नेतृत्व बदल जाए, लेकिन ये ब्रांड बने रहेंगे।
राज ठाकरे की यह टिप्पणी उनके चचेरे भाई एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ संभावित सुलह की चर्चा के बीच आई है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के क्रमशः 2022 और 2023 में विभाजन के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में काफी बदलाव हुआ है।
शिवसेना का एक बड़ा हिस्सा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ है जबकि राकांपा का भी यही हश्र हुआ जब अजित पवार अधिकांश विधायकों को लेकर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में शामिल हो गये।
भाषा रवि कांत रवि कांत पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.