scorecardresearch
रविवार, 1 जून, 2025
होमदेशपटनायक ने वक्फ मामले में पांडियन को दी क्लीन चिट दी, कहा- 10 महीने पहले ही वह बीजद छोड़ चुके

पटनायक ने वक्फ मामले में पांडियन को दी क्लीन चिट दी, कहा- 10 महीने पहले ही वह बीजद छोड़ चुके

Text Size:

भुवनेश्वर, नौ अप्रैल (भाषा) बीजू जनता दल (बीजद) में वक्फ (संशोधन) विधेयक को संसद में समर्थन देने को लेकर चल रही खींचतान के बीच पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक बुधवार को अपने करीबी सहयोगी वीके पांडियन के समर्थन में सामने आए और स्पष्ट किया कि वह किसी भी पार्टी गतिविधि में शामिल नहीं थे।

पूर्व बीजद विधायक प्रवत त्रिपाठी ने पिछले चुनाव में पार्टी की हार के लिए सीधे तौर पर पांडियन को जिम्मेदार ठहराया था। इसका संदर्भ देते हुए पटनायक ने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि पूर्व विधायक को कुछ साल पहले पार्टी से निकाल दिया गया था क्योंकि उन पर चिट-फंड मामले में आरोप लगे थे और वे कुछ साल जेल में रहे थे। मैं फिर से स्पष्ट करना चाहता हूं कि वे पार्टी से संबंधित नहीं हैं।’’

बीजद अध्यक्ष ने पांडियन को क्लीन चिट देते हुए कहा, ‘‘मैं यह भी स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि कार्तिकेयन पांडियन ने अतीत में न केवल राज्य के लिए, बल्कि पार्टी के लिए भी बहुत अच्छा काम किया है। इसलिए, उनकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए या उन्हें किसी भी चीज के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने 10 महीने से अधिक समय पहले पार्टी छोड़ दी थी और वह पार्टी की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हैं।’’

पटनायक की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग राज्यसभा में वक्फ विधेयक का विरोध करने के बीजद के आधिकारिक निर्णय को बदलने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।

राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर मतदान के दौरान कुछ बीजद सदस्यों का समर्थन मिला। पार्टी के राज्यसभा नेता सस्मित पात्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि ‘‘सदस्यों पर कोई व्हिप लागू नहीं है और वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर मतदान कर सकते थे।’’

हालांकि, बीजद के कई नेताओं ने पांडियन पर निशाना साधा और उन पर अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने का निर्देश देने का आरोप लगाया। बीजद ने इससे पहले अपनी संसदीय दल की बैठक में विधेयक का विरोध करने का निर्णय लिया था।

एक बयान में पटनायक ने पार्टी के राज्य मुख्यालय ‘शंख भवन’ के बजाय एक होटल में बैठक करने वाले नेताओं की कड़ी निंदा की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां यह कहना चाहूंगा कि मैं पार्टी सदस्यों द्वारा होटलों में आयोजित किसी भी बैठक को अस्वीकार करता हूं। उनके पास पार्टी कार्यालय ‘शंख भवन’ है, जो एक बड़ी इमारत है, जहां उन्हें अपनी बैठकें आयोजित करनी चाहिए।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments