जामनगर, 31 मई (भाषा) गुजरात में जामनगर की एक अदालत ने अगस्त 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान पुलिस की एक मोटरसाइकिल को आग लगाने के आरोपी 14 व्यक्तियों को मंगलवार को बरी कर दिया।
इन व्यक्तियों के अधिवक्ता हंसमुख मोलिया ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एन आर पाथर की अदालत ने सबूत के अभाव में कांग्रेस के पूर्व पार्षद अतुल भंडेरी सहित सभी 14 आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया।
25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद में पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की एक रैली के बाद राज्यव्यापी हिंसा हुई थी। शहर में कर्फ्यू लागू होने पर इन 14 लोगों को 50 लोगों की उस भीड़ के हिस्से के रूप में दिखाया गया था, जिन्होंने एक पुलिस वाहन में आग लगा दी थी।
मोलिया ने कहा कि 14 के खिलाफ सिटी ए डिवीजन पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 143 और 435 के साथ-साथ अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन व्यक्तियों को ऐसे समय बरी किया गया है जब करीब दो हफ्ते पहले यहां की एक अदालत ने 10 व्यक्तियों को बरी कर दिया था, जिन पर पाटीदार आंदोलन का हिस्सा होने और जोडिया में राज्य परिवहन की एक बस को आग लगाने का आरोप लगाया गया था।
पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा देने की मांग करने को लेकर आंदोलन अगस्त 2015 में हिंसक हो गया था, जिसमें आगजनी और तोड़फोड़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गई थी और कई करोड़ रुपये की सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
भाषा अमित नरेश
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