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Sunday, 3 November, 2024
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केरल के सिस्टर अभया हत्या मामले में पादरी और नन को आजीवन कारावास की सजा

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के सनल कुमार ने कैथोलिक चर्च के फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को सजा सुनाई और दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए जुर्माना भी लगाया.

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नई दिल्ली: केरल में सिस्टर अभया हत्या मामले में बुधवार को दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने केरल के कोट्टयम में 28 साल पहले हुई सिस्टर अभया की हत्या के दोषी पाए गए कैथोलिक पादरी और नन को बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के सनल कुमार ने कैथोलिक चर्च के फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को सजा सुनाई और दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए जुर्माना भी लगाया.

 

अदालत ने पादरी एवं नन को सिस्टर अभया की हत्या का मंगलवार को दोषी पाया था. यह मामला 21 वर्षीय अभया की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत से संबंधित है. उनका शव 27 मार्च 1992 को सेंट पायस कॉन्वेंट के एक कुएं से मिला था.

पादरी और नन को सबूतों से छेड़छाड़ करने के मामले में भी सात-सात साल की सजा सुनाई गई है.

दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

अदालत ने मंगलवार को कहा था कि पदारी और नन के खिलाफ हत्या के आरोप साबित हुए हैं.

अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या) एवं 201 (सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना) के तहत दोषी पाया था.

इससे पहले केरल के कोट्टयम के सेंट पायस कॉन्वेंट में रहने वाली सिस्टर अभया की सदिंग्ध परिस्थितियों में मौत के 28 साल बाद यहां की एक सीबीआई अदालत ने मंगलवार को एक पादरी एवं नन को उनकी हत्या का दोषी पाया.

अदालत ने कैथोलिक चर्च के फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) एवं 201 (सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना) के तहत दोषी पाया.

अदालत ने फादर कोट्टूर को भारतीय दंड संहिता की धारा 449 (अनधिकार प्रवेश) का दोषी भी पाया.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के सनल कुमार ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पदारी और नन के खिलाफ हत्या के आरोप साबित हुए हैं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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