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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशपेशाब करने वाले यात्री ने मांगी थी माफी, FIR पर बोले AI के कर्मचारी- अभद्रता की सूचना तुरंत दें

पेशाब करने वाले यात्री ने मांगी थी माफी, FIR पर बोले AI के कर्मचारी- अभद्रता की सूचना तुरंत दें

एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने एयरलाइन कर्मचारियों से कहा कि उड़ान में किसी भी अभद्र व्यवहार की तुरंत जानकारी दें, भले ही ऐसा प्रतीत क्यों न हो कि मामला निपट गया है.

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नई दिल्ली: एअर इंडिया के विमान में नवंबर में एक वरिष्ठ महिला सहयात्री पर कथित तौर पर पेशाब करने वाले व्यक्ति ने पीड़िता से माफी मांगी थी और शिकायत नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा था कि वह नहीं चाहता कि उसकी हरकत की वजह से उसकी पत्नी और बच्चे परेशान हों.

पीड़िता द्वारा एअर इंडिया को की गई शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने बुधवार को मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की.

प्राथमिकी के अनुसार, पीड़िता ने कहा कि उनके न चाहते हुए भी उन्हें आरोपी से बात करके मामला सुलझाने को कहा गया.

प्राथमिकी के अनुसार, 26 नवंबर को एआई-102 विमान में भोजन दिए जाने के बाद जब बत्तियां बंद की गईं तो ‘बिजनेस क्लास’ में 8ए सीट पर बैठा नशे में धुत्त एक पुरुष यात्री एक बुजुर्ग महिला की सीट के पास गया और उन पर पेशाब कर दिया.

इसमें कहा गया है कि महिला के उसे वहां से जाने को कहने तक वह वहीं खड़ा रहा और फिर लड़खड़ाता हुआ सीट पर लौटा.

प्राथमिकी में पीड़िता के हवाले से कहा गया, ‘मैं तुरंत खड़ी हो गई और पुरुष परिचालक को घटना की जानकारी दी. मेरे कपड़े, जूते और बैग सभी पर पेशाब थी. उस बैग में मेरा पासपोर्ट, यात्रा संबंधी दस्तावेज और पैसे थे. विमान में मौजूद क्रू के सदस्यों ने उसे छूने से इनकार कर दिया, मेरे बैग और जूतों को डिसइन्फेक्ट तो किया गया फिर वे मुझे शौचालय ले गए और पहनने को एयरलाइन का पजामा और मोजे दिए.’

पीड़िता ने कहा, ‘ मैंने उनसे मेरी सीट बदलने को कहा पर उन्होंने कहा कि कोई और सीट खाली नहीं है. हालांकि विमान में मौजूद एक अन्य यात्री मेरे लिए आवाज उठा रहा था, और उसने कहा कि ‘फर्स्ट क्लास’ में एक सीट खाली है.’

प्राथमिकी के अनुसार, 20 मिनट तक खड़े रहने के बाद चालक दल के सदस्यों ने वह छोटी सीट महिला को दी, जिसका इस्तेमाल वह लोग अपने लिए करते हैं. इस सीट पर बैठकर महिला ने करीब दो घंटे का सफर तय किया. फिर उनसे जब अपनी सीट पर वापस जाने का कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया. उनके मना करने के बाद उन्हें आगे के सफर के लिए विमान परिचालक की एक सीट दी गई.

मामले के सुर्खियों में आने के बाद डीजीसीए ने कर्मचारियों से जवाब मांगा है और कहा है कि उनके खिलाफ ‘कर्तव्य में लापरवाही’ बरतने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.


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‘माफी मांगना चाहता है आरोपी’

प्राथमिकी के अनुसार, इसके बाद विमान के चालक दल के सदस्यों ने पीड़िता को बताया कि आरोपी माफी मांगना चाहता है. जवाब में, महिला ने कहा कि वह आरोपी से न तो बात करना चाहती है और न ही उसका चेहरा देखना चाहती है. महिला ने कहा कि विमान के उतरते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए.

प्राथमिकी में पीड़ित महिला के हवाले से कहा गया, ‘बहरहाल क्रू के सदस्य मेरी इच्छा के विरुद्ध उसे मेरे सामने ले आए और हमें एक-दूसरे के सामने बैठाया गया. मैं हैरान रह गई जब वह रोने लगा और बेहद आग्रह करते हुए माफी मांगनी शुरू की. उसने मुझसे शिकायत न करने को कहा क्योंकि वह नहीं चाहता था कि इस घटना की वजह से उसकी पत्नी और बच्चे परेशान हों. मैं पहले से ही बहुत परेशान थी तथा उससे सामना करवा कर मुझे और प्रताड़ित किया गया.’

पुलिस ने बताया कि आरोपी को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. उसकी तलाश जारी है.

पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 354, 509, 510 और विमान कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.

एअर इंडिया ने बुधवार को कहा था कि आरोपी यात्री पर विमान में यात्रा करने पर 30 दिन का प्रतिबंध लगाया गया है और स्थिति से निपटने में चालक दल के सदस्यों से हुई चूक की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया गया है.

‘अभद्रता की तुरंत जानकारी दें’

एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन ने एयरलाइन कर्मचारियों के साथ बातचीत में कहा कि उड़ान में किसी भी अभद्र व्यवहार की तुरंत जानकारी दें, भले ही ऐसा प्रतीत क्यों न हो कि मामला निपट गया है.

एयरलाइन कर्मचारियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘प्रभावित यात्री की पीड़ा को हम पूरी तरह से समझते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘बात जितनी बताई गई थी उससे कहीं अधिक पेचीदा है, स्पष्ट रूप से इससे सबक लेना चाहिए.’

विल्सन ने कहा, ‘सबसे जरूरी यह है कि अगर विमान में इस स्तर का अनुचित व्यवहार किया गया है, तो हमें जितनी जल्दी हो अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी चाहिए, चाहे यह प्रतीत क्यों न होता हो कि उसमें शामिल पक्षों ने मामला निपटा लिया है.’


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