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Wednesday, 19 February, 2025
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कनाडा जाने के लिए ‘खोए हुए पासपोर्ट’ का इस्तेमाल करने के लिए यात्री पकड़ा गया, 2 एजेंट गिरफ्तार

धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. यात्री फोरम दिलीप कुमार पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के दो एजेंटों को एक व्यक्ति को किसी और के पासपोर्ट पर कनाडा भेजने में सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

यह मामला तब सामने आया जब मुंबई निवासी मारिया मॉरिस कोरेया के नाम पर जारी पासपोर्ट पर यात्रा कर रही एक महिला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मॉन्ट्रियल जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने पहुंची.

पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान पाया गया कि पासपोर्ट पर लगी तस्वीर यात्रा कर रही व्यक्ति से मेल नहीं खा रही थी. पूछताछ करने पर यात्री ने खुलासा किया कि उसकी असली पहचान फोरम दिलीपकुमार पटेल है, जो गुजरात के जोर्नांग की रहने वाली है.

इस मामले में धोखाधड़ी और प्रतिरूपण के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई. पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया.

“आरोपी ने खुलासा किया कि उसके कुछ रिश्तेदार बेहतर जीवन और जल्दी पैसा कमाने के लिए कनाडा गए थे. वह अपने चाचा भावेश पटेल के माध्यम से एक एजेंट, मोनू उर्फ मनदीप के संपर्क में आई. एजेंट मनदीप ने उसे 33 लाख रुपये में कनाडा भेजने का आश्वासन दिया. उसने यह भी कहा कि वह अपने सहयोगियों की मदद से किसी और के पासपोर्ट की व्यवस्था करेगा. फोरम पटेल ने 2 लाख रुपये का भुगतान किया, जबकि बाकी राशि मॉन्ट्रियल पहुंचने के बाद देनी थी,” आईजीआई एयरपोर्ट की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने कहा.

सूत्रों के अनुसार, कोरेया 2019 में एक अलग पासपोर्ट पर भारत से बाहर गई थी. “उसने रिपोर्ट दी थी कि आरोपी द्वारा इस मामले में इस्तेमाल किया गया पासपोर्ट खो गया था. हम यह जांच कर रहे हैं कि क्या उसे इस मामले की जानकारी थी या वह इसमें किसी तरह शामिल थी,” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा.

जांच के दौरान एक और संदिग्ध, मनीष गोयल की भूमिका सामने आई. उसे हरियाणा के रोहतक से गिरफ्तार किया गया. “मनीष गोयल से पूछताछ के बाद, उसने अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि वह पिछले कुछ वर्षों से मनदीप के साथ काम कर रहा था. मनदीप लोगों को विदेश भेजने और वहां नौकरी दिलाने के नाम पर धोखा देता था. आरोपी ने यह भी खुलासा किया कि उसने जल्दी और आसान पैसा कमाने के लिए उसके साथ काम करना शुरू किया था,” रंगनानी ने कहा.

पुलिस के अनुसार, गोयल ने बताया कि उसने मनदीप के निर्देश पर मारिया मॉरिस कोरेया के नाम पर जारी पासपोर्ट इकट्ठा किया.

यह दस्तावेज पंजाब में उसके एक सहयोगी से लिया गया था और फिर दिल्ली हवाई अड्डे पर मनदीप को सौंप दिया गया था.

एक अन्य संदिग्ध, जिमी पाइअस, जो कथित तौर पर मनीष गोयल और मनदीप के साथ काम कर रहा था, को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने कहा कि जिमी पहले हवाई अड्डे पर काम कर चुका था और वह पटेल से कॉल पर बात कर रहा था, जब वह हवाई अड्डे पर थी और उसे निर्देश दे रहा था.

“उसकी जिम्मेदारी थी कि वह पटेल को इमिग्रेशन काउंटर तक मार्गदर्शन करे ताकि वह आत्मविश्वास बनाए रखे और प्रतिरूपण के आरोप में पकड़ी न जाए,” अधिकारी ने कहा। इस बीच, मनदीप फरार है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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