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Friday, 12 September, 2025
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भारत के साथ साझेदारी से वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को बढ़ावा मिल सकता है : नॉर्वे सरकार के अधिकारी

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(अपर्णा बोस)

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) नॉर्वे सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नॉर्वे और भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के वास्ते मजबूत महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी ढंग से सहयोग कर सकते हैं, भले ही दोनों देश दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हों।

‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ एक साक्षात्कार में नॉर्वे के जलवायु एवं पर्यावरण मंत्रालय के महासचिव टॉम राधल ने कहा कि पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के मामले में नॉर्वे और भारत के लक्ष्य समान हैं तथा दोनों देशों के लिए सरकार से सरकार के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है।

भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए राधल ने कहा, ‘‘सबसे पहले, भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग आज की दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण है, जो कुछ साल पहले की तुलना में थोड़ा ‘अस्थिर’ है। इसका मतलब है कि एक छोटा यूरोपीय देश और एक बड़ा एशियाई देश पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहलुओं पर एक साथ बातचीत कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी बात, भारत की हमारी यात्रा ने हमें दिखाया है कि ठोस परियोजनाओं के मामले में हमारा सहयोग अच्छी तरह से काम करता है, तथा सरकार से सरकार के बीच सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है।’’

राधल ने कहा कि नॉर्वे और भारत दो बहुत अलग देश हैं तथा दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि हालांकि नॉर्वे एक बहुत ही अलग देश है, लेकिन इस द्विपक्षीय सहयोग से हम एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं, तथा विश्व को पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं, विशेषकर जब बहुपक्षीय सहयोग की बात हो।’’

नॉर्वे सरकार के अधिकारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनके प्रतिनिधिमंडल का विशेष ध्यान नवीकरणीय ऊर्जा पर है, जो भारत-नॉर्वे सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस (नवीकरणीय ऊर्जा) विषय पर कुछ हद तक चर्चा की क्योंकि यह नॉर्वे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में हमारे देश में स्थानीय क्षमता है। एक समृद्ध पश्चिमी देश होने के नाते, हमारे पास कई अग्रणी हरित प्रौद्योगिकियाँ हैं, और हम यहाँ भारत में उन पर चर्चा करते रहे हैं।’’

नॉर्वे के जलवायु एवं पर्यावरण मंत्रालय के महासचिव ने कहा, ‘‘मैं 10 साल पहले यहां था और तब से हम इस क्षेत्र में काफी प्रगति देख सकते हैं।’’

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अवसंरचना संधि (यूएनएफसीसीसी) के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज’ (सीओपी) की आगामी बैठक के लिए नॉर्वे की प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर राधल ने कहा कि पेरिस समझौते के 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान लक्ष्य को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

नॉर्वे सरकार के अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर हम महत्वाकांक्षाओं को कम करते हैं, तो हम समस्याओं को भी तेजी से बढ़ाते हैं। चूंकि, अमेरिका पेरिस समझौते से हट गया है, इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि बाकी दुनिया एकजुट होकर, पहले से कहीं अधिक मजबूती से खड़ी हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नॉर्वे और भारत इस तरह से बहुत अच्छा सहयोग कर सकते हैं, क्योंकि हम दुनिया के बहुत अलग-अलग हिस्सों में स्थित देश हैं, लेकिन हमारे लक्ष्य समान हैं, और वह है जलवायु परिवर्तन से निपटना।’’

राधल के नेतृत्व में नॉर्वे के एक प्रतिनिधिमंडल ने 10 सितंबर को अपने भारतीय समकक्ष के साथ 11वें भारत-नॉर्वे संयुक्त कार्य समूह की बैठक में भाग लिया।

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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