नई दिल्ली: ‘दिल्ली चलो’ किसानों के विरोध मार्च को लेकर एनसीपी के शरद पवार, डीएमके के टीआर बालू और सपीआई-एम ने एक संयुक्त हस्ताक्षर वाले पत्र के जरिए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली पहुंचे किसानों के लिए बड़ा मैदान उपलब्ध कराने की मांग की है. विपक्षी दलों ने उपलब्ध कराए मैदान को 10 हजार किसानों के लिए छोटा बताया है. पत्र के आखिर में किसानों की नये कृषि कानून को लेकर चिंताएं दूर करने को कहा गया है.
Several leaders of Opposition parties including NCP's Sharad Pawar, DMK's TR Baalu & CPI-M's Sitaram Yechury issue statement on #DelhiChalo protest march, demanding a larger ground for the protest. "The ground is too small for tens of thousands that have reached Delhi," it reads. pic.twitter.com/MLEWShYAzi
— ANI (@ANI) November 28, 2020
संयुक्त पत्र में जिसमें विभिन्न दलों के नेताओं के हस्ताक्षर हैं, में किसानों की ओर से आवाज बुलंद की गई है और उनके मार्च को दबाने के सरकार की कोशिश का विरोध किया है.
पत्र में लिखा है कि हम किसानों को मार्च को दबाने की तमाम कोशिशों जिसमें तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए, आंसू गैस के गोले दागने, भारी कैनन वाटर चलाने, रास्तों को ब्लॉक करने, पुलिस बैरीकेड्स और नेशल हाईवे में गड्ढे खोदने जैसे किसानों के खिलाफ युद्ध जैसे हालात बना देने के बावजूद वह दिल्ली पहुंचे, जिन्हें हम सैल्यूट करते हैं.
केंद्र की सरकार आखिर में अपने फैसले को वापस लेने के लिए मजबूर हुई और उन्हें शांतिपूर्ण धरने के लिए मैदान उपलब्ध कराना पड़ा है. हम अपने हस्ताक्षर किए हुई पत्र से मांग करते हैं किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए और बड़ा मैदान उपलब्ध कराया जाए. साथ ही उनके रहने, खाने के लिए जरूरी सुविधाएं दी जाएं.
हम बार-बार इस नये कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं जो भारत की फूड सेक्योरिटी के लिए, एमएसपी को खत्म करने वाला, भारत की कृषि की को नष्ट करने और हमारे किसानों- ‘अन्नदाता’ के लिए खतरा है.
केंद्र सरकार को चाहिए कि वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नियमों का पालन करे और विरोध कर रहे किसानों की चिंताओं पर ध्यान दे.