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Sunday, 17 November, 2024
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संसद सुरक्षा चूक मामला: पुलिस ने बताया आरोपी ‘शहीद भगत सिंह’ जैसी घटना सदन में दोहराना चाहते थे

सूत्रों के मुताबिक, इस कृत्य को अंजाम देने की साजिश महीनों पहले रची गई थी, जिसमें एक आरोपी डी. मनोरंजन ने इमारत के अंदर "सुरक्षा उपायों का जायजा" लेने के लिए संसद की रेकी की थी.

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नई दिल्ली: संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को सुरक्षा उल्लंघन करते हुए जब दो लोग लोकसभा में दर्शक दीर्घा से संसद सदस्यों की बेंच पर कूदे और सदन के अंदर धुआं- धुआं करना एक बड़ी साजिश का नतीजा है. मामले की जांचकर रहे अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया है.

पुलिस के एक सूत्र के अनुसार, आरोपियों को एक “संगठन” के “चैनल” द्वारा “फंड” दिया गया था, जिसकी अब जांच चल रही है.

सूत्र ने बताया कि “यह एक आतंकी हमला है. साथ ही, यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है क्योंकि हमले की पूरी तरह से योजना बनाई गई थी. शुरुआती जांच में पता चला है कि इसके पीछे एक संगठन है.’

सूत्रों के मुताबिक, इस कृत्य को अंजाम देने की साजिश महीनों पहले रची गई थी, जिसमें एक आरोपी डी. मनोरंजन ने इमारत के अंदर “सुरक्षा उपायों का जायजा” लेने के लिए संसद की रेकी की थी.

पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के दो आरोपी 1929 के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन के समय क्रांतिकारी भगत सिंह द्वारा ‘सेंट्रल असेंबली’ के अंदर बम फेंके जाने जैसी घटना को दोहराना चाहते थे.

इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से एक पर्चा बरामद किया गया, जिसमें लिखा था, ‘‘प्रधानमंत्री लापता हैं और जो भी उन्हें ढूंढे़गा उसे स्विस बैंक से पैसा मिलेगा.’’

पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के जूते विशेष रूप से डिजाइन किए गए थे और धुएं के ‘केन’ को छिपाने के लिए जगह बनाई गई थी.

अधिकारी ने कहा कि इन ‘केन‘ को सागर शर्मा ने लखनऊ में विशेष तौर पर बनवाया था. सूत्रों ने यह भी बताया कि उसे जांच के लिए लखनऊ भी ले जाया गया है.

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी. इसने कहा कि उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे.

सूत्रों ने बताया कि आरोपियों के पास से कुछ और पर्चे बरामद किए गए, जिनमें युवाओं को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले संदेश थे.

एक सूत्र ने कहा, ‘‘ऐसे ही एक पर्चे पर लिखा था ‘देश के लिए जो नहीं खौला वो खून नहीं पानी है.’’

आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया.

लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ आदि नारे लगाए.

बता दें कि चार आरोपी जहां मौके से ही गिरफ्तार कर लिए गए थे वहीं पांचवां एक दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. छठा ललित झा भी गिफ्तार कर लिया गया है.


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