नई दिल्ली : बेंगुलुरु में शक्ति प्रदर्शन के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र में पूरा विपक्ष मणिपुर हिंसा, रेलवे सुरक्षा, बेरोजगारी, महंगाई, भारत-चीन सीमा पर हालात और दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन समेत मुद्दों पर बहस करने की तैयारी में है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर पर पीएम की चुप्पी पर सवाल उठाया और इस मुद्दे को आज शुरू हो रहे सत्र में उठाने की बात कही.
इस बीच, केंद्र ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें 34 पार्टियों के 44 नेताओं ने हिस्सा लिया. सर्वदलीय बैठक में संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नेताओं ने सरकार के सामने कई सारे मुद्दे उठाए और यह बैठक इसलिए बुलाई गई थी ताकि मॉनसून सत्र सुचारू रूप से चल सके, यह 11 अगस्त तक चलेगा और इसमें 17 बैठकें होंगी.
BRS MP Nama Nageswara Rao gives Adjournment Motion Notice in Lok Sabha demanding a discussion on Manipur situation.
— ANI (@ANI) July 20, 2023
सरकार 31 विधेयकों के साथ मणिपुर पर चर्चा को तैयार
उन्होंने कहा, “फिलहाल अभी सरकार ने 31 विधेयकों पर चर्चा करने का फैसला लिया है. हमें इस चर्चा में क्या लाना है और क्या नहीं यह बाद में तय करेंगे, लेकिन कम से कम 31 विधायी विषय अभी पूरी तरह से चर्चा के लिए तैयार हैं.”
कुछ पार्टियों ने गुरुवार को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन अन्य मुद्दों के बीच मणिपुर हिंसा पर स्थगन प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है.
विपक्ष ने जोर दिया है कि यह चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “विपक्षी दलों ने कई सुझाव दिए हैं और सहयोगी संगठन ने भी दिए हैं. सभी पार्टियों ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग की है, जिस पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है.”
सर्वदलीय बैठक के बाद जोशी ने कहा, “सरकार मॉनसून सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. हमने सभी दलों से अपील की है कि वे संसद के सुचारू रूप से चलने में सहयोग दें.”
सरकार बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र के लिए भारी विधायी कामकाज की योजना बनाई है, जिसमें 31 विधेयकों में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 एजेंडे में है.
पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के अलावा, इस साल मई में सामने आए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को बदलने वाले विधेयक पर भी मॉनसून सत्र के लिए सूचीबद्ध किया है जो अन्य प्रमुख विधेयकों में से एक है.
दिल्ली सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली में सेवाओं को नियंत्रित करने वाला यह अध्यादेश सामने आया है.
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सरकार ने इन विधेयकों को किया है सूचीबद्ध
सरकार के एजेंडे में शामिल अन्य विधेयकों में सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2019, डीएनए टेक्नोलॉजी (यूज एंड एप्लिकेशन) नियामक बिल, 2019, मध्यस्थता विधेयक बिल 2021, बॉयोलॉजिकल डायवर्सिटी (संशोधन) विधेयक 2022, मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज (संशोधन) विधेयक, 2022, निरसन और संशोधन विझेयक 2022, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2023, जंगल (संरक्षण) विधेयक, 2023, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 (छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में), डाक सेवा विधेयक, 2023, नेशनल कोऑपरेटिव यूनिवर्सिटी बिल, 2023, और प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक, 2023 शामिल हैं.
सूची में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और बैंक विधेयक, 2023, करों का प्रोविजनल संग्रहण विधेयक, 2023, 18, राष्ट्रीय दंत आयोग बिल 2023, राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023, ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज और कॉस्टमेटिक्स बिल, 2023, जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023, जम्मू एंड कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2023, सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल 2023, प्रेस एंड प्रियोऑडिकल्स पंजीकरण विधेयक, 2023; एडवोकेट्स (संशोधन) विधेयक, 2023, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 शामिल हैं.
रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2023, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन विधेयक, 2023, संविधान (जम्मू एंड कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) बिल, 2023, संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) बिल, 2023 और संविधान (जम्मू एंड कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) बिल, 2023 भी सरकार के 31 विधेयकों के एजेंडे में शामिल है.
सरकार ने वापस ले लिया था डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल
केंद्रीय कैबिनेट ने इस महीने की शुरुआत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 को अनुमोदित किया था.
इस सरकार ने पिछले अगस्त में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को संसद से वापस ले लिया था और कहा था कि वह नया बिल लेकर आएगी. सुप्रीम कोर्ट 2017 के आदेश के मुताबिक निजता मौलिक अधिकार है और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023, केंद्र द्वारा तैयार किए जा रहे प्रौद्योगिकी नियमों के व्यापक ढांचे का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है.
विधेयक का पिछला संस्करण व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद आया था और संयुक्त संसदीय समिति ने भी इसकी जांच की थी. सरकार ने नए विधेयक को तैयार करने के लिए एक और दौर का परामर्श किया.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को बदलने वाला विधेयक, राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना करना चाहता है, जिसमें मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली के प्रधान गृह सचिव शामिल होंगे.
प्राधिकरण अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग और अनुशासनात्मक मामलों के संबंध में उपराज्यपाल (एलजी) को सिफारिशें देगा.
सरकार को जहां अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद है, वहीं विपक्षी पार्टियां मणिपुर हिंसा, रेलवे सुरक्षा, बेरोजगारी, महंगाई, भारत-चीन सीमा पर टकराव व दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन समेत कई सारे मुद्दों को उठाने की तैयारी की है.
कांग्रेस का मणिपुर पर बहस को लेकर खास जोर
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है, ”आज हम (संसद में मणिपुर का) मुद्दा उठा रहे हैं. मैंने भी नोटिस दिया है. हम देखेंगे कि हमारे सभापति (राज्यसभा) हमें इसे उठाने की इजाजत देंगे या नहीं. इस पर पीएम चुप हैं .आपके पास 38 दलों को (एनडीए बैठक के लिए) बुलाने का समय है लेकिन आपके (प्रधानमंत्री) पास वहां जाने का समय नहीं है.”
Our party has visited Manipur. Rahul Gandhi went to Manipur and talked to the people. We want a discussion on Manipur and after the discussion, we also want the government to take the opposition leaders there, but they are not doing so, says Congress President Mallikarjun Kharge
— ANI (@ANI) July 20, 2023
उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी ने मणिपुर का दौरा किया है. राहुल गांधी ने मणिपुर जाकर लोगों से बात की. हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं और चर्चा के बाद हम यह भी चाहते हैं कि सरकार विपक्षी नेताओं को वहां ले जाए, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं.”
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी की मांग है कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री सदन में बयान दें.
उन्होंने कहा, “…हमारी पार्टी की पहली मांग है कि प्रधानमंत्री मणिपुर मामले पर सदन में बयान दें और हमें चर्चा का अवसर दें. कल, हम इस पर स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते हैं. इसके अलावा, देश का बड़ा हिस्सा बाढ़ से जूझ रहा है. इस पर भी चर्चा की जाए. (बालासोर) रेल हादसे पर भी चर्चा की जाय.”
उन्होंने कहा, “बेरोजगारी और महंगाई कॉमन मुद्दे हैं. लेकिन संवैधानिक संस्थाओं पर हो रहे हमले पर भी चर्चा होनी चाहिए. भारत-चीन सीमा के हालात और दोनों देशों के बीच व्यापार को भी चर्चा में शामिल किया जाना चाहिए….,”
इसके अतिरिक्त, इंडियन मुस्लिम लीग के सांसद ने सभी दलों की बैठक में कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जोरदार विरोध हुए. मैंने सरकार को बताया कि यह खतरनाक है व यह देश में लोगों के बीच सौहार्द को नुकसान पहुंचाएगा.
उन्होंने कहा, “मैंने भी सर्वदलीय बैठक में मणिपुर को लेकर चिंता जताई. मैंने सरकार से इस मसले में दखल देने और इस समस्या को हल करने की मांग की.”
बीजेडी ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी की मांग की
इसके अलावा, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण विधेयक को संसदीय मंजूरी दिलाने की वकालत की.
बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा बीजू ने मीटिंग के बाद कहा, “बीजेडी महिला आरक्षण विधेयक को संसदीय मंजूरी देने की वकालत की और सर्वदलीय बैठक में ओडिशा को विशेष दर्जा देने की मांग की. केंद्र सरकार की योजना के तहत गरीबों के 7 लाख घरों के निर्माण लटके होने और अन्य कई मुद्दों को भी उठाया.”
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग की.
प्रमोद तिवारी ने कहा, “मणिपुर महज एक राज्य का मुद्दा नहीं है, बल्कि एक अंतराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा है. इस पर चर्चा होनी चाहिए और पीएम नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए. हम सत्ताधारी दल से अपील करते हैं कि संसद को ठीक से चलने दे.”
इसके अलावा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की महुआ मांझी ने कहा कि कई सारे मुद्दे हैं जिन पर केंद्र सरकार ध्यान नहीं दे रही हैं. आज की बैठक में, हमने अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. सीमा एरिया में काम करने वाले संताली मजदूर कोई आकस्मिक लाभ नहीं पा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘बिजली की बहुत दिक्कत है क्योंकि स्थापित अडानी प्रोजेक्ट राज्य को 25 फीसदी बिजली जरूरत को नहीं पूरा कर रहा है. महिला आरक्षण बिल पर भी चर्चा हो. इसलिए इन मुद्दों पर संसद के मॉनसून सत्र में बहस चाहते हैं.”
भारत राष्ट्र समिति पार्टी की नेता कंचेरला केशव राव ने कहा कि पूरी बैठक की विडंबना यह है कि अध्यादेश के विषय को लेकर बैठक शुरू की. हमें दो चीजों को जानना होगा, पहली कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ‘न’ नहीं कहा, जिसे स्पष्ट किया जाना चाहिए.
सर्वदलीय बैठक के बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता अमरेंद्र धारी सिंह ने मणिपुर मुद्दे और दिल्ली अध्यादेश का मुद्दा उठाया.
अमरेंद्र धारी सिंह ने कहा, “मैंने भी मणिपुर, दिल्ली में विशेष अध्यादेश और बिहार के लिए विशेष पैकेज का मुद्दा उठाया.”
महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस
सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस मणिपुर के हालात, संघीय ढांचे पर हमला और बाकी अन्य मुद्दों को होने वाले सत्र में उठाएगी.
कांग्रेस नेता ने कहा, “संसद के आने वाले सत्र में हम मणिपुर के हालात पर चर्चा चाहते हैं. दूसरा मुद्दा लोकतांत्रिक तारीक से चुनी हुई सरकारों पर राज्यपाल और उपराज्यपाल के जरिए हमला, जिसमें कि दिल्ली का अध्यादेश एक उदाहरण है.”
उन्होंने कहा कि पार्टी संसद महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेरेगी.
उन्होंने कहा, “तीसरा मुद्दा दाम में इजाफे का है…और बेशक अडाणी घोटाले पर जेपीसी का मुद्दा. हम वन संरक्षण कानून संशोधन विधेयक और बॉयोलॉजिकल डायवर्सिटी संशोधनों का विरोध करेंगे. हम दिल्ली अध्यादेश का विरोध करेंगे.”
इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार से शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र के सुचारू संचालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की.
संसद का मॉनसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान कुल 17 बैठकें होंगी. मॉनसून सत्र पुराने संसद भवन में चलेगा.
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