नई दिल्ली : लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों को बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. बजट सत्र को समाप्त होने के बाद निचले सदन (लोकसभा) में में 34 प्रतिशत और उच्च सदन (राज्यसभा) में 24.4 प्रतिशत ही कामकाज हो सका.
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए ये बातें कही.
एमओएस ने कहा, ‘2023 बजट सत्र के दौरान लोकसभा में लगभग 34 फीसदी कामकाज हो सका है और राज्यसभा में 24.4 फीसदी काम हुआ.’
मंत्री ने बताया कि दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कुल 6 बिल पास हुए. सत्र के दौरान लोकसभा में कुल 8 बिल पेश हुए.
वित्त बिल 2023; द जम्मू एंड कश्मीर अप्रोप्रिएशन बिल (विनियोग विधेयक), 2023; द जम्मू एंड कश्मीर अप्रोप्रिएशन (नं.2) बिल 2023; द अप्रोप्रिएशन (नं.2) बिल 2023; द अप्रोप्रिएशन बिल 2023 और द कंपीटिशन (संशोधन) बिल 2023 पास हो गए, जिन्हें राज्यसभा ने लोकसभा को सिफारिश के लिए लौटाया था.
लोकसभा में पेश किए गए द फाइनेंस बिल 2023, द इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल और डिसिप्लिन) बिल 2023, द जम्मू एंड कश्मीर अप्रोप्रिएशन बिल 2023, द जम्मू एंड कश्मीर अप्रोप्रिएशन (नं.2) बिल 2023, द अप्रोप्रिएशन (नं.2) बिल 2023, द अप्रोप्रिएशन बिल 2023, द फॉरेस्ट (संरक्षण) संशोधन बिल 2023 और द कोस्टल अक्वाकल्चर अथॉरिटी (संशोधन) बिल 2023 शामिल हैं. संसद का बजट सत्र, जो 31 जनवरी, 2023 को शुरू हुआ था, आज शुरुआत में ही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
इस बीच, राज्यसभा और लोकसभा में 13 फरवरी से 13 मार्च तक मंत्रालयों और विभागों से संबंधित अनुदानों मांगों की स्थायी समिति द्वारा जांच और रिपोर्ट के लिए अवकाश रहा.
बजट सत्र के पहले चरण में लोकसभा और राज्यसभा की 10 बैठकों में कार्यवाही हुई. सत्र के दूसरे हिस्से में दोनों सदनों की 15 बैठकें हुईं. पूरे बजट सत्र के दौरान कुल 25 बैठकें हुईं.
2023-24 का केंद्रीय बजट 1 फरवरी 2023 को पेश किया गया था. केंद्रीय बजट पर दोनों सदनो में आम चर्चा सत्र के पहले हिस्से में हुई थी.
इस दौरान लोकसभा तय किए गए 12 घंटे के समय के मुकाबले 14 घंटे 45 मिनट और राज्यसभा तय किए गए 12 घंटे के मुकाबले 2 घंटे 21 मिनट चली. लोकसभा के कुल 145 सदस्य और राज्यसभा के 12 सदस्य विषयों पर चर्चा में शामिल हुए.
लोकसभा में अलग-अलग मंत्रालयों- रेलवे, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, जनजातीय मामले, पर्यटन, संस्कृति और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की अनुदान मांगों पर लगातार बाधा के कारण चर्चा नहीं हो सकी.
अंत में, मंत्रालयों और विभागों की अनुदान मांगों को 23 मार्च को सदन में मतदान के लिए रखा गया. संबंधित विनियोग विधेयक भी 23 मार्च को ही लोकसभा ने पेश किया, विचार किया और पारित किया.
वर्ष 2022-23 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे और अंतिम बैच से संबंधित विनियोग विधेयक; वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगें और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एंड कश्मीर से संबधित वर्ष 2022-23 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगें स्वीकृत होने के बाद 21 मार्च को लोकसभा में पेश की गईं, विचार किया और पारित हुईं.
लोकसभा ने 24 मार्च को वित्त विधेयक 2023 को पारित किया.
राज्यसभा में कौशल विभाग और एंटप्रेन्योर्शिप, टेक्सटाइल, मत्स्य, पशुपालन और डेरी, ग्रामीण विकास, कोऑपरेशन, रेलवे और नई व रिन्यूवल एनर्जी मंत्रालय के कामकाज पर लगातार व्यवधान के कारण सदन में चर्चा नहीं हो सकी.
राज्यसभा ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के संबंध में वर्ष 2023-24 के लिए अनुदान मांगों और वर्ष 2022-23 के लिए पूरक अनुदान मांगों से संबंधित विनियोग विधेयकों; प्रदेश से जुड़ी 2022-23 की अनुपूरक अनुदान मांगों एवं वर्ष 2023-24 की अनुदान मांगों को 27 मार्च को वापस कर दिया था.
राज्यसभा ने 27 मार्च को सरकार द्वारा भेजे गए वित्त विधेयक, 2023 को भी संशोधन की सिफारिश के साथ वापस कर दिया था, जिस पर उसी दिन लोकसभा में सहमति बन गई थी.
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