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बुधवार, 14 मई, 2025
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अभिभावक बच्चों के कम अंक लाने से न हो मायूस, जीवन में कभी शुरुआत की जा सकती:अलीगढ़ के शिक्षा अधिकारी

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अलीगढ़ (उप्र), 14 मई (भाषा) परीक्षाओं में अंक प्रतिशत को लेकर छात्र-छात्राओं पर बढ़ते दबाव के बीच अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) राकेश सिंह ने कम अंक प्राप्त करने वाले या पास न होने वाले विद्यार्थियों के माता-पिता से निराशा और घबराहट से बचने का आग्रह किया।

बीएसए ने अपने बेटे ऋषि द्वारा सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक हासिल करने पर सार्वजनिक रूप से गर्व व्यक्त किया और प्रोत्साहन के शब्द कहे।

मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने के कुछ घंटों बाद बीएसए राकेश सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मेरे बेटे ऋषि ने 60% अंकों के साथ इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा उत्तीर्ण की है। बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं बेटा।’

सिंह ने पोस्ट में बच्चे की मार्कशीट भी पोस्ट की। उन्होंने अपने बेटे के साथ हुई बातचीत को याद किया।

सिंह ने कहा कि उनके बेटे ने उनसे पूछा था कि क्या वह परीक्षा में अपेक्षाकृत मामूली अंक लाने की वजह से उससे नाराज हैं। इस पर उन्होंने बेटे से कहा कि वह नाराज नहीं हैं बल्कि उतना ही खुश हैं जितना कि वह प्रतियोगी परीक्षा में अपने चयन के दिन खुश थे।

सिंह ने अपना खुद का शैक्षणिक रिकॉर्ड बताते हुए कहा कि उन्होंने स्नातक में 52 फीसदी, 10वीं में 60 प्रतिशत और 12वीं में 75 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं।

सिंह ने अपनी पोस्ट में कम अंक प्राप्त करने वाले या पास न होने वाले छात्रों के माता-पिता से निराशा और घबराहट से बचने का आग्रह किया।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘हम कहीं से भी, कभी भी जीवन शुरू कर सकते हैं।’

बीएसए ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक प्रवेश परीक्षा के दौरान सामान्य ज्ञान विषय में कमजोर होने के अपने अनुभव को साझा किया।

सिंह ने कहा कि बाद में उन्होंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपने कैडर में प्रथम स्थान प्राप्त करके खुद को साबित कर दिया।

उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों पर परीक्षा में ज्यादा अंक लाने के लिए अनावश्यक दबाव न बनाएं।

सिंह ने कहा, ‘यह सच है कि अपने बच्चों को लेकर आपके कुछ सपने होते हैं। आपको अपने बच्चों के माध्यम से अपने सपनों को पूरा करना है, लेकिन आपको अपने बच्चों पर इसके लिए दबाव नहीं डालना चाहिए।’

सिंह ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि उन्होंने उन माता-पिता के लिए संदेश पोस्ट किया है जो परीक्षाओं में अपने बच्चों के प्रदर्शन को लेकर बहुत ज्यादा फिक्रमंद रहते हैं और उन पर अच्छे नंबर लाने के लिए अनुचित दबाव डालते हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैं ‘जब जागो तभी सवेरा’ में विश्वास करता हूं। हालांकि सफलता के पीछे का रहस्य निश्चित रूप से कड़ी मेहनत है, लेकिन कोई भी व्यक्ति जीवन में किसी भी समय ऐसा कर सकता है। मेरा मानना है कि माता-पिता को अपने बच्चों के स्वास्थ्य और भलाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए।’

सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि उनका सबसे छोटा बेटा ऋषि अब कानून की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। वह अपने पसंद के कॉलेज में प्रवेश लेगा और एक वकील बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करेगा।

भाषा चंदन सलीम नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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