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Friday, 26 September, 2025
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‘पेपर-चोर’: राहुल गांधी ने UKSSSC पेपर लीक मामले को लेकर BJP पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने कथित पेपर लीक मामले को अपने पहले के “वोट चोरी” आरोपों से जोड़ा और कहा कि बेरोजगारी और वोट चोरी एक-दूसरे से जुड़ी हैं.

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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को उत्तराखंड सबऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमिशन (UKSSSC) स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा 2025 में कथित अनियमितताओं को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और उसे “पेपर-चोर” करार दिया.

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “आज BJP का दूसरा नाम – पेपर चोर! देश भर में लगातार हो रहे पेपर लीक ने करोड़ों मेहनती युवाओं के जीवन और सपनों को बर्बाद कर दिया है. उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक इसका ताजा उदाहरण है. लाखों युवाओं ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन BJP ने चोरी के जरिए उनकी सारी मेहनत खराब कर दी.”

सांसद ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार केवल अपनी सत्ता की चिंता करती है, युवाओं के बेरोजगारी की नहीं.
उन्होंने लिखा, “हम लगातार मांग कर रहे हैं कि पेपर लीक रोकने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी प्रणाली बनाई जाए. लेकिन मोदी सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है—क्योंकि उन्हें युवाओं की बेरोजगारी की चिंता नहीं, बल्कि अपनी सत्ता की है.”

ये बयान ऐसे समय आए हैं जब उन्होंने एक हफ्ते पहले कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान वोट चोरी की कोशिश का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने कथित पेपर लीक मामले को अपने पहले के “वोट चोरी” आरोपों से जोड़ा और कहा कि बेरोजगारी और वोट चोरी एक-दूसरे से जुड़ी हैं.

उन्होंने कहा, “बेरोजगारी आज देश की सबसे बड़ी समस्या है, और यह सीधे वोट चोरी से जुड़ी है. पेपर चोर जानते हैं—भले ही युवाओं को नौकरी न मिले, वे चुनाव में वोट चोरी करके सत्ता में बने रहेंगे.”

राहुल गांधी ने युवाओं और छात्रों के प्रति समर्थन जताते हुए इसे “न्याय और लोकतंत्र के लिए संघर्ष” बताया.

उन्होंने लिखा, “युवक सड़कों पर हैं और नारा लगा रहे हैं—‘पेपर चोर गद्दी छोड़!’ यह केवल युवाओं की नौकरी के लिए संघर्ष नहीं है; यह न्याय और लोकतंत्र के लिए लड़ाई है. मैं हर छात्र और युवा के साथ इस न्याय की लड़ाई में खड़ा हूँ.”

इससे पहले शुक्रवार को, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं से अपील की कि वे अपनी हित साधने वालों से सतर्क रहें.

उन्होंने कहा, “मैं सभी युवाओं से अपील करता हूँ कि वे तय करें कि कौन उनके आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है. जो लोग युवाओं को सड़कों पर लाकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका युवाओं या भर्ती प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है. हमारी प्रतिबद्धता यह है कि जिस तरह हमने 25,000 नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से की हैं, उसी तरह करेंगे.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है और छात्रों के हित में निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्रों का नाम लेकर सरकार को निशाना बनाया जा रहा है.

उत्तराखंड सबऑर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन कमिशन (UKSSSC) स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा 2025 पर कथित अनियमितताओं के बाद राज्य सरकार ने न्यायिक पर्यवेक्षण में जांच शुरू की है.

मंगलवार को उत्तराखंड पुलिस ने पेपर लीक के मुख्य आरोपी खालिद मलिक को गिरफ्तार किया. इससे पहले उनकी बहन को भी गिरफ्तार किया गया था.

उत्तराखंड हाईकोर्ट, नैनीताल के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा को पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. गृह सचिव शैलेश बगौली द्वारा जारी आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया है कि न्यायाधीश वर्मा SIT की निगरानी करेंगे, विभिन्न जिलों का दौरा कर सकेंगे, शिकायतों की समीक्षा करेंगे और SIT को आवश्यक मार्गदर्शन देंगे.

24 सितंबर को सरकार ने कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच के लिए पांच सदस्यीय SIT का गठन किया.

SIT का नेतृत्व देहरादून रूरल पुलिस अधीक्षक जया बालूनी करेंगी, जो जांच की प्रक्रिया में तथ्यों का खुलासा करेंगी और जिम्मेदार लोगों की पहचान करेंगी.


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