नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों के आंदोलन का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि ‘पेपर लीक भारत के गरीब युवाओं का अधिकार छीनने, उनके हुनर और सपनों को दबाने का हथियार है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह संसद में इस विषय को उठाएंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पिछने दिनों बीपीएससी परीक्षा में कथित पेपरलीक के खिलाफ आंदोलन कर रहे युवाओं से पटना में मुलाकात की थी।
राहुल गांधी ने इस मुलाकात का वीडियो अपने यूट्यूब चैन पर अपलोड करके लिखा, ‘‘पेपर लीक भारत के गरीब युवाओं का अधिकार छीनने, उनके हुनर और सपनों को दबाने का हथियार है। हर भाजपा शासित प्रदेश में आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं और उसके ऊपर से अपने हक की आवाज उठाते युवाओं पर बर्बरता के साथ अन्याय कर उनके विरोध को कुचला जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हाल में बिहार में हुए बीपीएससी परीक्षा घोटाले और उसके बाद लाठीचार्ज और पुलिस द्वारा हिंसा से पीड़ित छात्रों से मुलाकात कर गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई। छात्रों ने पूरे विस्तार से इस पेपर लीक और परीक्षा घोटाले के चक्रव्यूह का खुलासा किया।’’
उनका कहना है, ‘‘परीक्षा के दौरान ही प्रश्नपत्र लीक हो जाते हैं। परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र मिले न मिले सोशल मीडिया पर वायरल जरूर हो जाते हैं। अभ्यर्थियों को ‘नॉर्मलाइजेशन’ और ‘स्केलिंग’ जैसे कुचक्र में फंसाया जाता है ताकि वो अपने स्कोर से भी अपने रोजगार की गारंटी ना जान पाएं।’’
राहुल गांधी ने कहा कि गांधीवादी तरीके से विरोध कर रहे छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज कर दिया जाता है तथा उस के बाद जबरदस्ती उनपर मामले पर मामले लगाये जाते हैं।
उन्होंने कहा कि 28 परीक्षा केंद्रों में धांधली हुई, मगर सरकार मानने को तैयार नहीं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह वीडियो उन हजारों छात्रों की आवाज है, जो न्याय और फिर से परीक्षा की मांग कर रहे हैं। इनकी बातें सुनकर उनकी मांगे संसद में उठाने का वादा किया है – यह सिर्फ बिहार नहीं पूरे देश की समस्या है, हर आकांक्षी युवा की परेशानी है। इन एकलव्यों का अंगूठा काटने नहीं दूंगा।’’
राहुल गांधी ने यह वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘देखिए पटना में बीपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों ने मुझे क्या बताया। अपराधियों को गिरफ्तार करने की जगह पुलिस छात्रों को पीट रही है और सरकार का ध्यान सिर्फ़ भ्रष्टाचार के घिनौने खेल को छुपाने पर है।’’
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हक माधव
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