चेन्नई, 21 मार्च (भाषा) अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के शीर्ष नेता ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) सोमवार को पहली बार एक जांच समिति के सामने पेश हुए और दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत से संबंधित परिस्थितियों की जांच की अपनी मांग का परोक्ष रूप से बचाव किया।
उनकी मृत्यु के संबंध में परिस्थितियों की जांच करने लिए पिछली अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा सितंबर 2017 में गठित न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी जांच आयोग ने इस मुद्दे पर वर्षों पहले उनके मीडिया साक्षात्कार से संबंधित एक प्रश्न रखा था।
लगभग तीन घंटे तक चली कार्यवाही में कुल मिलाकर 78 प्रश्न पूछे गए। इसके अलावा, जिस भवन में समिति का कार्यालय है, वहां कुछ समय के लिए बिजली गुल हो गई और कार्यवाही 22 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जयललिता को दिए जाने वाले चिकित्सा उपचार की प्रकृति सहित कई सवालों के जवाब में पन्नीरसेल्वम का जवाब था, ‘‘मैं नहीं जानता।’’
दिसंबर 2016 में जयललिता की मृत्यु की जांच पन्नीरसेल्वम की एक प्रमुख मांग थी। उनकी (जयललिता) मृत्यु के बाद उन्होंने एक अलग अन्नाद्रमुक गुट का नेतृत्व किया था। इसे अगस्त 2017 में के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले खेमे में मिला दिया गया था। दो गुटों के एक होने से ओपीएस उपमुख्यमंत्री बने थे। पलानीस्वामी फरवरी 2017 से पिछले साल तक मुख्यमंत्री थे।
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि जांच आयोग का गठन लोगों की इच्छा के आधार पर किया गया था।
भाषा
देवेंद्र उमा
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