जम्मू, तीन मई (भाषा) भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए शनिवार को कहा कि ‘‘पाकिस्तानी नागरिकों को देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है, भले ही उन्होंने भारतीय नागरिकों से विवाह किया हो।’’
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि ऐसे लोग संभावित रूप से ‘‘भूमिगत कार्यकर्ता’’ हो सकते हैं और ऐसी संभावना है कि उनमें से कुछ को पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने साजिश के तहत भेजा हो।
सेठी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उनकी पार्टी के सहयोगी और अधिवक्ता अंकुर शर्मा ने जम्मू के सीआरपीएफ जवान मुनीर खान की पाकिस्तानी पत्नी मीनल खान को वापस भेजे जाने से रोकने में कानूनी रूप से मदद की।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने शनिवार को मुनीर अहमद को पाकिस्तानी महिला के साथ अपने विवाह को छिपाने के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया। बल ने मुनीर के कृत्य को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाया।
पाकिस्तानी नागरिकों को समर्थन दिए जाने पर सवाल उठाते हुए सेठी ने कहा, ‘‘राजनीतिक लाभ या सहानुभूति के लिए उनके दावों की पैरवी करना राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।’’
मंगलवार को जम्मू से रवाना होते समय मीनल ने उसे पाकिस्तान भेजे जाने को ‘‘अन्याय’’ करार देते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि पहलगाम जैसी घटनाएं स्थानीय समर्थन के बिना नहीं हो सकतीं, उन्होंने कुछ स्थानीय लोगों की संभावित संलिप्तता का संकेत दिया।
सेठी ने यह भी कहा कि अधिकतर कश्मीरियों ने आतंकवादी हमले का कड़ा विरोध किया और 22 अप्रैल के हमले के दौरान पीड़ितों और उनके परिवारों को मदद दी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भाषा शफीक माधव
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