नई दिल्ली: 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के कुछ दिनों बाद उनके बेटे बिलावल भुट्टो-जरदारी को उनके उत्तराधिकारी के रूप में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था.
बिलावल भुट्टो उस समय 19 वर्ष के थे और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक छात्र थे. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीपुल्स पार्टी की कुर्सी संभालने से पहले अपनी पढ़ाई पूरी होने तक उन्हें नाम मात्र हेड के रूप में चुना गया था.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की गई थी कि बिलावल ने कहा था कि जब तक वह पार्टी संभालने के लिए तैयार नहीं हो जाते तब तक उनके पिता आसिफ अली जरदारी पार्टी चलाएंगे.
15 साल बाद, बिलावल बड़े हुए , जो अब 33 वर्ष के हैं, अपने देश में विपक्षी पीपीपी के प्रमुख के रूप में चल रहे एक बड़े राजनीतिक मंथन के केंद्र में हैं, जिसकी स्थापना उनके दादा और पूर्व पीएम स्वर्गीय जुल्फिकार अली भुट्टो ने की थी.
युवा नेता बिलावल भुट्टो के जीवन के विभिन्न मोड़ों से तस्वीरों की एक श्रृंखला यहां प्रस्तुत है.
पहली चार तस्वीरें सितंबर 1992 में कराची में भुट्टो के आवास पर ली गई थीं. तत्कालीन विपक्ष की नेता बेनजीर भुट्टो को एक ‘सार्क विपक्षी नेताओं के संगोष्ठी‘ की मेजबानी करनी थी, जिसमें दिवंगत पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह और बांग्लादेश की शेख हसीना सहित अन्य मौजूद थे. तस्वीरें घटना से एक दिन पहले की हैं.
दिप्रिंट के एडिटर-इन-चीफ शेखर गुप्ता, जो उस समय इंडिया टुडे के एडिटर थे, वह उस वक़्त बेनज़ीर भुट्टो के अच्छे दोस्त थे. भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रशंसक, पूर्व पीएम ने उनसे कुछ सीडी लाने का अनुरोध किया था. जब वे दोनों बात कर रहे थे तब दिप्रिंट के राष्ट्रीय फोटो संपादक प्रवीण जैन, जो उस समय द पायनियर के साथ थे, उन्होंने देखा कि एक युवा बिलावल और उसकी बहन बख्तावर घोड़े पर सवार हैं और बगीचे में बकरियों को को खाना दे रहे थे.
कैमरे के लिए पोज देने के लिए कहने पर भाई-बहन खुशी से झूम उठे.
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