नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति बिगड़ने के लिए बृहस्पतिवार को पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के साथ ही सीमा के उस पार (पाकिस्तान) से स्थिति को बिगाड़ना शुरू हो गया था।
मिसरी ने कहा, “हमारा रुख स्थिति को बिगाड़ने का नहीं रहा है। हमने केवल 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले का जवाब दिया।”
उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में पाकिस्तान की पहचान दुनिया भर में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों में निहित है।
विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान ने दशकों तक भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से नागरिक प्रभावित हो रहे हैं।
मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में कहा कि भारत की बुधवार की कार्रवाई संयमित थी और यह आतंकवादी बुनियादी ढांचे तक ही सीमित थी।
उन्होंने सिंधु जल संधि पर कहा कि पाकिस्तान वर्षों से जानबूझकर अड़चनें पैदा कर रहा था।
मिसरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) की भूमिका का जिक्र करने का विरोध किया, जबकि टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी पहले ही ले ली थी।
भाषा
पारुल पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.