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Wednesday, 3 July, 2024
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पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम किया, व्यापार पर भी लगाई रोक

पाकिस्तान का मानना है कि अगर भारत इस्लामाबाद के साथ बातचीत नहीं करना चाहता है, तो अपने उच्चायुक्तों को भी वापस बुलाना चाहिए.

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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान भारत के साथ राजनयिक संबंधों को समाप्त कर रहा है.

प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया.

दिप्रिंट को उच्च स्तरीय सोर्स ने बताया कि अपने पहले कदम के रूप में, इस्लामाबाद पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से नई दिल्ली लौटने के लिए कहा.

सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत में नए पाकिस्तानी उच्चायुक्त, मोइन उल हक, जिनकी नियुक्ति पर दोनों पक्षों द्वारा हरी झंडी दिखाई गई थी, अब यहां अपना कार्यभार नहीं संभालेंगे. ऐसी उम्मीद थी कि वह इस महीने के अंत तक या अगले महीने की शुरुआत में वह अपना पद संभाल सकते थे.

पाकिस्तान का मानना है कि अगर भारत इस्लामाबाद के साथ बातचीत करने का इच्छुक नहीं है, तो दोनों उच्चायुक्तों को भी वापस बुलाया जाना चाहिए.

खान ने भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर पर अपने फैसले लिए जाने के बाद दूसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की दूसरी बैठक बुलाई जबकि उनके राष्ट्रपति ने संसद के संयुक्त सत्र के लिए बुलाया था.

समिति ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को स्थगित करने का भी फैसला लिया. फरवरी के पुलवामा हमलों के बाद, भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन व्यापार का दर्जा वापस ले लिया था.

आज की एनएससी की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि इमरान खान सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के अनुच्छेद 370 और 35A को रद्द करने का मामला भी उठाएगी.

पीएम ने सभी राजनयिक चैनल को निर्देश दिया कि वह क्रूर भारतीय नस्लवादी शासन, डिजाइन और मानवाधिकारों के उल्लंघन का खुलासा करें. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय से एक आधिकारिक बयान में पीएम ने सशस्त्र बलों को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है.

पाकिस्तानी संसद में बयानबाजी

मंगलवार को पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में, जिसे कश्मीर मसले पर ही बुलाया गया था उसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि भारत के साथ सभी राजनयिक संबंधों को खत्म कर देना चाहिए.

इस सत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई जिसमें पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को बंद करने से लेकर वाघा सीमा को बंद किए जाने पर भी बात हुई.


यह भी पढ़ें: पाक में मची खलबली, इमरान ने उगली आग कहा- ‘भाजपा की विचारधारा नस्लवादी’


कश्मीर मामलों और गिलगित-बल्टिस्तान के मंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा, ‘कश्मीर पाकिस्तान का है और हम कश्मीर के लिए खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे.’

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता आसिफ अली जरदारी ने कश्मीर को ‘पूर्वी पाकिस्तान (बांगलादेश) के अलग होने के बाद दूसरी बड़ी घटना’ कहा.

पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने भी मांग की है कि देश को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से संपर्क करना चाहिए और इस मामले को आपात बैठक बुलाकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाना चाहिए.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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