भुवनेश्वर, 20 मार्च (भाषा) ओडिशा के मुख्य खाद्य पदार्थों में से एक पखाल के स्वाद को देश भर में पहुंचाने के लिए रविवार को राज्य में ‘पखाल दिवस’ मनाया गया।
पिज्जा, बर्गर जैसे आधुनिक खाद्य पदार्थों के जमाने में पारंपरिक भोजन की संस्कृति को बचाए रखने के लिए 20 मार्च को पखाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2015 में राज्य के लोगों ने अपने पारंपरिक भोजन को दुनिया भर में पहुंचाने के उद्देश्य से की थी। पके हुए चावल को पानी में फिर से भिगो कर इसे खमीर उठने (फर्मेंटेशन) के लिए छोड़ दिया जाता है, इस विधि से तैयार व्यंजन को पखाल (चावल का पानी) कहते हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों ने पखाल दिवस पर इस भारतीय पारंपरिक भोजन की तस्वीरें पोस्ट कीं। ओडिशा के इस भोजन को समाज के सभी तबके के लोग चाव से खाते हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का भी यह पसंदीदा भोजन है। पखाल के प्रति पटनायक की पसंदगी 2018 में तब सामने आयी जब उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और माकपा के सीताराम येचुरी जैसे राष्ट्रीय नेताओं को अपने आवास पर आमंत्रित किया और दोपहर के भोजन में उन्हें पखाल परोसा ।
पटनायक ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की जिसमें गणमान्य व्यक्ति पखाल खाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा,‘‘ ओडिशा के खाद्य पदार्थ का स्वाद चखना हमेशा ही आनंददायक होता है, खासतौर पर मेरे पसंदीदा पखाल की। यह याद करते हुई प्रसन्नता हो रही है कि राज्य के बाहर के और देश भर के अनेक अतिथियों को जब भी पखाल परोसा गया, उन्होंने इसकी तरीफ की। आप सभी को पखाल दिवस की शुभकामनाएं।’’
केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर पखाल की तस्वीर साझा की और अपने पोस्ट में इसकी तारीफ की।
गौरतलब है कि पखाला गर्मी के मौसम में खाया जाना वाला खाद्य पदार्थ है और यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे कई अन्य राज्यों में भी लोग चाव से खाते हैं।
भाषा शोभना अविनाश
अविनाश
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