scorecardresearch
बुधवार, 23 अप्रैल, 2025
होमदेशपहलगाम आतंकी घटना: बेंगलूर निवासी सुजाता ने अपनी आंखों से देखा पति को गोली लगकर मरते हुए

पहलगाम आतंकी घटना: बेंगलूर निवासी सुजाता ने अपनी आंखों से देखा पति को गोली लगकर मरते हुए

Text Size:

बेंगलुरु, 23 अप्रैल (भाषा) जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को 26 लोगों की जिंदगी छीन लेने वाले आतंकवादी हमले के बाद कर्नाटक के दो परिवार शोक में डूब गए हैं।

बेंगलुरु के भारत भूषण अपनी पत्नी सुजाता और तीन वर्षीय बेटे के साथ पहलगाम गये थे। उनकी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस हमले में सुजाता और उनका तीन वर्षीय बेटा बाल-बाल बच गये।

बेंगलुरु के मट्टिकेरे में रह रहीं सुजाता की मां विमला के अनुसार भारत की उनकी पत्नी और बेटे के सामने हत्या कर दी गयी।

विमला ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया,‘‘मेरी बेटी ने कुछ देर पहले मुझे फोन किया। उसने बताया कि वह सेना के शिविर में सुरक्षित है और जब उसका भाई पहलगाम पहुंचेगा तब वह अपने पति का शव लेने अस्पताल जाएगी। उसने मुझे बताया कि गोलीबारी उसके सामने ही हुई।’’

उन्होंने बताया कि जब सुजाता को पता चला कि उसके पति की मौत हो चुकी है तो उसने भारत भूषण का पहचान पत्र उठाया और अपने बेटे के साथ वहां से भाग गई।

पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले अन्य व्यक्ति मंजूनाथ राव की बहन रूपा ने शिवमोगा में कहा कि उनका परिवार छुट्टियों में पहली बार राज्य से बाहर यात्रा पर गया था।

उनके अनुसार, मंजूनाथ के एक दोस्त ने अपराह्न करीब साढ़े चार बजे फोन कर बताया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

रूपा ने कहा, ‘‘लेकिन हमें समाचारों के माध्यम से उनकी मृत्यु के बारे में पता चला।’’

तीर्थहल्ली में अपने पैतृक घर में छुट्टियां मना रही रूपा ने बताया कि उनके भाई अपनी पत्नी और बेटे के साथ पहलगाम गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी कश्मीर की पहली यात्रा थी। उनकी छुट्टियां थीं, इसलिए वे गए। उन्होंने अपनी मां को फोन करके बताया था कि वे सुरक्षित हैं और 24 अप्रैल को वापस आएंगे। हमारी आखिरी बार बातचीत एक सप्ताह पहले हुई थी।’’

कर्नाटक सरकार राज्य के पर्यटकों को घर लौटने में सहायता कर रही है। बुधवार को, इसने फंसे हुए पर्यटकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 080-43344334, 080-43344335, 080-43344336, 080-43344342 जारी किए।

जम्मू-कश्मीर गये लोगों के रिश्तेदारों और परिचितों से हेल्पलाइन के माध्यम से उनका विवरण साझा करने के लिए कहा गया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रभावित कन्नड़ लोगों की वापसी में समन्वय के लिए 22 अप्रैल को श्रम मंत्री संतोष लाड को पहलगाम भेजा।

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा,‘‘हमारे मंत्री शवों को वापस लाने में मदद करने के लिए पहले से ही वहां मौजूद हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि उन्हें सुरक्षित लाया जाए। मैंने संतोष लाड से बात की- उन्होंने कहा कि स्थिति बेहद तनावपूर्ण है।’’

‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए, मंजूनाथ के रिश्तेदार अश्विन ने याद किया कि वह अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध थे।

भाषा राजकुमार माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments