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रविवार, 11 मई, 2025
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पहलगाम हमला: AK-47, M4 कार्बाइन से लैस आतंकवादियों ने 40 मिनट तक पर्यटकों को निशाना बनाया

बताया जा रहा है कि बैसरन घाटी में घटनास्थल से कम से कम 100 कारतूस बरामद किए गए. उस समय पर्यटक क्षेत्र में न तो पुलिस कर्मी और न ही सेना की मौजूदगी थी.

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नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को कम से कम छह आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों के पहचान पत्र की जांच करने के बाद उन्हें बंधक बना लिया और AK-47 और M4 कार्बाइन से अंधाधुंध गोलीबारी की. यह हमला 30 से 40 मिनट तक चला. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.

सूत्र ने पुष्टि की कि कुछ आतंकवादी खाकी और “लड़ाकू पोशाक” में थे, जबकि कुछ सादे कपड़ों (कुर्ता पायजामा) में भी थे.

एक सूत्र ने कहा, “शक है कि वह सभी पीर पंजाल रेंज से बैसरन तक आए थे और सभी के पास अत्याधुनिक हथियार थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि आतंकियों ने हिंदुओं के पहचान पत्र देखकर उन्हें निशाना बनाया और फिर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें महिलाएं बच गईं.”

सूत्र ने कहा कि यह भी शक है कि घुसपैठ के बाद आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के त्राल में शरण ली थी.

सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने पुष्टि की है कि बैसरन घाटी में घटनास्थल से कम से कम 100 कारतूस बरामद किए गए हैं, जो हमले की गंभीरता को दर्शाते हैं. उस समय इलाके में न तो पुलिस कर्मी और न ही सेना मौजूद थी.

सूत्र ने कहा, “वह वहां 30 से 40 मिनट तक रहे और लोगों को समूहों में अलग-अलग करके गोली चलाई, इसलिए हमारा मानना ​​है कि काफी राउंड फायर किए गए.” हाल के वर्षों में कश्मीर घाटी में हुए सबसे घातक हमलों में से एक में कम से कम 28 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.

बैसरन घाटी पर हमला — एक फेमस जगह जहां प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक घोड़े पर सवार होकर आते हैं — ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस चार दिवसीय यात्रा पर भारत में हैं.

बताया जा रहा है कि एक महिला पर्यटक ने दोपहर 2.45 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके बताया कि बैसरन में गोलियों की आवाज़ें सुनी गई हैं. सूचना मिलते ही पुलिस दल के साथ-साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सेना के जवान मौके पर पहुंच गए.

 

‘ताज़ा घुसपैठ’

दिप्रिंट ने पहले भी रिपोर्ट की थी, सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों के समूह में कश्मीर के दो स्थानीय लोग शामिल थे, जो 2017 में ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान गए थे और विदेशी आतंकवादियों के पिछले बैच के साथ घुसपैठ की थी.

सूत्र ने कहा, “शक है कि वह पिछले साल चुनाव के मौसम में घुसपैठ कर दक्षिण कश्मीर के त्राल में ठहरे थे. समूह में दो स्थानीय लोग हैं, जबकि अन्य पाकिस्तान से आए विदेशी आतंकवादी हैं. यह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की करतूत है.”

सूत्र ने कहा, “हम हमलावरों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उनकी तलाश जारी है.”

दिप्रिंट के पास फरवरी 2025 तक उपलब्ध खुफिया आंकड़ों के अनुसार, घाटी में लगभग 60 सक्रिय आतंकवादी हैं, जिनमें से अकेले लश्कर के 35 आतंकवादी हैं, इसके बाद जैश के 21 आतंकवादी हैं.

यह दशकों में जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है.

हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे “घृणास्पद” कहा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “मैं अविश्वसनीय रूप से स्तब्ध हूं. हमारे विजिटर्स पर यह हमला एक घृणित कार्य है. इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय और घृणा के पात्र हैं.”

उन्होंने कहा कि “यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर किए गए किसी भी हमले से कहीं अधिक बड़ा है”.

मंगलवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सीएम उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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