नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) विपक्ष के कुछ और सांसदों ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि राष्ट्र के सामूहिक संकल्प को एकजुट होकर व्यक्त किया जा सके।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद पी संदोश कुमार ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू को पत्र लिखकर यह मांग उठाई।
झा ने प्रधानमंत्री को संबोधित अपने पत्र में कहा कि भारत की संसद गणतंत्र की आधारशिला और लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति के लिए सर्वोच्च मंच है।
झा ने कहा, ‘‘दुख और इम्तहान की इस घड़ी में संसद को पहलगाम हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने, उनकी स्मृति का सम्मान करने और एकता, न्याय तथा शांति के आदर्शों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए एक साथ आना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि सरकार राष्ट्र और उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों को पूर्ण विश्वास में ले।
उन्होंने कहा कि परामर्श और सर्वसम्मति के माध्यम से निर्मित साझा राष्ट्रीय प्रतिक्रिया, एकता को बनाए रखने और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता है।
राज्यसभा सदस्य और भाकपा नेता कुमार ने कहा कि विशेष सत्र में सांसदों को यह अवसर मिलेगा कि वो दलगत रुख से इतर राष्ट्र के सामूहिक संकल्प को एकजुट होकर व्यक्त कर सकें।
कुमार के अनुसार, हमले ने न केवल पीड़ितों के परिजनों को दुख पहुंचाया, बल्कि ‘‘हमारे राष्ट्र की सामूहिक अंतरात्मा’’ को भी झकझोर दिया।
उनका कहना था, ‘‘इस कठिन समय में यह जरूरी है कि हमारी संसद एकजुट होकर अपना गहरा दुख व्यक्त करे, पीड़ितों को श्रद्धांजलि दे और आतंकवाद के खिलाफ हमारे देश के दृढ़ संकल्प को दोहराए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस त्रासदी की भयावहता को देखते हुए मैं आपसे संसद का एक विशेष सत्र यथाशीघ्र बुलाने पर विचार करने का आग्रह करता हूं।’’
कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि संसद को लोगों की भावना और आकांक्षाओं को मूर्त रूप देने के लिए राजनीतिक मतभेद से ऊपर उठना चाहिए।
निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल ने भी रविवार को सरकार से आग्रह किया था कि पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।
भाषा हक
हक अविनाश
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