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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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पहलगाम हमला: कश्मीर में पर्यटकों के लिए गुरेज़ और माछिल समेत 80 से ज़्यादा घूमने के स्पॉट बंद

जानकारी मिली है कि इन घूमने के स्पॉट्स को बंद करने का फैसला अस्थायी है. बारामुल्ला जिले का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल गुलमर्ग पर्यटकों के लिए खुला है.

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नई दिल्ली: बैसरन में हुए आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद, जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश में पर्यटकों द्वारा अक्सर देखी जाने वाली लगभग 86 जगहों को बंद करने का फैसला किया है. दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.

पर्यटकों के लिए बंद किए गए लोकप्रिय स्थलों में बांदीपोरा जिले में गुरेज़ घाटी और कुपवाड़ा जिले में माछिल घाटी शामिल हैं. फैसला लेने की प्रक्रिया से अवगत सूत्रों ने बताया कि इनमें से ज़्यादातर जगहें संबंधित मुख्यालयों से बहुत दूर हैं और केवल चुनिंदा लोग ही यहां घूमने जाते हैं.

एक अधिकारी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर पहुंचने वाले 4 प्रतिशत से अधिक पर्यटक इन स्थानों पर नहीं जाते थे.”

हालांकि, कश्मीर घाटी में 72 जगहें अभी भी खुली हैं. बारामुल्ला जिले का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल गुलमर्ग उनमें से एक है.

पर्यटकों को खतरों के बारे में खुफिया जानकारी की कमी और सुरक्षा उपायों की अनुपस्थिति के बारे में चिंता बढ़ने के साथ, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि विभिन्न टूरिस्ट स्पॉट्स की सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी.

दिप्रिंट ने शुक्रवार को रिपोर्ट की थी कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में 60 से ज़्यादा जगहों की पहचान की है, जिन्हें अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बिना पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. जानकारी मिली है कि सरकार कश्मीर घाटी में “सब कुछ ठीक” है वाला मैसेज देने के लिए उन जगहों को खुला रखने में इच्छुक थी, भले ही ज़रूरी सुरक्षा उपाय न किए गए हों.

सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि आतंकी गतिविधियों के बढ़ने के कारण कश्मीर घाटी की संवेदनशीलता को देखते हुए इन पर्यटन स्थलों को बंद करने का फैसला “अस्थायी” कदम है. उन्होंने कहा कि असुरक्षित क्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटकों की मौजूदगी सुरक्षा बलों के लिए एक और चुनौती पेश करती है.

एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “घाटी में आतंकवादियों और उनके गुर्गों की सक्रिय मौजूदगी है और उनके लिए फिर से निशाना बनाने के लिए पर्यटन स्थलों से बेहतर कोई जगह नहीं है. पहलगाम जैसे किसी भी तरह के हमले को रोकना घाटी में सभी विभागों, एजेंसियों और सुरक्षा बलों के लिए सर्वोच्च एजेंडा है.”

सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अन्य सूत्र ने कहा कि इनमें से कई बंद स्थान ट्रैकिंग ट्रैक थे, जहां चौबीसों घंटे सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल है.

एक अन्य अधिकारी ने कहा, “सभी जगहों को बंद नहीं किया गया है. केवल वह जगहें बंद हैं, जहां स्थायी सड़कों से कुछ किलोमीटर दूर ट्रैकिंग करनी पड़ती है. यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. ये सभी स्थान देश और दुनिया भर के पर्यटकों के लिए सुलभ होंगे, लेकिन पूरी सुरक्षा जांच के बाद ही.”

इस बीच, कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों ने मंगलवार को आतंकी गुर्गों के खिलाफ तलाशी और अभियान तेज़ कर दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जिसने औपचारिक रूप से जम्मू और कश्मीर पुलिस से पहलगाम हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है और हमले से जुड़े संदिग्धों से पूछताछ शुरू कर दी है. साथ ही घायल पीड़ितों और पिछले मंगलवार को गोली लगने से मारे गए पीड़ितों के परिजनों के बयान दर्ज किए हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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