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नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए सख्त जवाबी कार्रवाई में मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं।
भारत की ‘‘नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना’’ कार्रवाई 25 मिनट तक चली।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए ‘‘आनुपातिक’’ हमले करने का निर्णय लिया, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ‘‘कोई ठोस कदम’’ नहीं उठाया गया।
मिसरी ने कहा, ‘‘भारत की कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस बयान के अनुरूप है जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया गया है।’’
सैन्य अधिकारियों के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, भारतीय सेना ने मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मरकज तैयबा, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मरकज सुभान अल्लाह और सियालकोट में हिजबुल मुजाहिदीन के महमूना जोया फैसिलिटी और बरनाला में मरकज अहले हदीस में लश्कर के अड्डे और मुजफ्फराबाद के शावाई नाला में उसके शिविर को निशाना बनाया।
मिसरी के साथ एक मीडिया ब्रीफिंग में दो महिला अधिकारियों- सेना की सिग्नल कोर की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर पायलट विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि यह अभियान देर रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक चलाया गया और सभी लक्ष्यों को कुशलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया।
अभियान के पूरा होने के 15 मिनट बाद रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कुछ समय पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में उन आतंकवादी बुनियादी ढांचों पर हमला करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों का मंसूबा बनाया गया और इसे निर्देशित किया गया।’’
इसने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई ‘‘केंद्रित और नपी-तुली थी। साथ ही यह ध्यान रखा गया कि यह और न बढ़े।’’
बयान में कहा गया, ‘‘किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्य के चयन और क्रियान्वयन के तरीके में काफी संयम दिखाया है।’’
सैन्य सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कड़ी निगरानी रख रहे थे। इस कार्रवाई के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की और सफल हमलों के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की।
मिसरी ने कहा, ‘‘यह कार्रवाई नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना थी। इसमें आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने और आतंकियों को निष्क्रिय करने पर ध्यान केंद्रित किया जिन्हें भारत में भेजा जा सकता था।’’
भारत की कार्रवाई के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय मिसाइल हमलों को ‘‘युद्ध की कार्रवाई’’ करार दिया और कहा कि उनके देश को ‘‘उचित जवाब’’ देने का पूरा अधिकार है।
हालांकि, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यदि नयी दिल्ली नरम रुख अपनाती है तो इस्लामाबाद उसके साथ तनाव समाप्त करने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय हमलों को ‘‘अकारण’’ बताया और कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि इन हमलों में कम से कम 26 लोग मारे गए और 46 अन्य घायल हो गए।
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने स्वीकार किया कि बहावलपुर में संगठन के मुख्यालय पर भारत के मिसाइल हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए।
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि बहावलपुर और मुरीदके सहित सभी नौ ठिकानों पर हमले सफल रहे।
लाहौर से कुछ ही दूरी पर स्थित मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का एक विशाल ‘‘मरकज’’ या प्रतिष्ठान है। बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य गढ़ है।
वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता ‘‘बहुत जल्द’’ समाप्त हो जाएगी।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह शर्म की बात है। हमने इसके बारे में तब सुना जब हम ओवल (अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय) जा रहे थे। मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह जल्दी खत्म हो जाए।’’
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों के अपने समकक्षों से बात की।
मिसरी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को लेकर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया कि भारत के खिलाफ और हमलों की आशंका है। इसलिए इन्हें रोकने और धता बताने की अनिवार्यता थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आपको पता होगा कि भारत ने आज सुबह ऐसे और सीमा पार हमलों पर जवाब देने, उन्हें रोकने तथा धता बताने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।’’
मिसरी ने कहा, ‘‘यह कार्रवाई नपी-तुली, टकराव को नहीं बढ़ाने वाली, संतुलित और जिम्मेदाराना थी। उन्होंने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने और आतंकियों को निष्क्रिय करने पर ध्यान केंद्रित किया जिन्हें भारत में भेजा जा सकता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहलगाम हमला अत्यंत बर्बरता के साथ किया गया जिसमें अधिकतर लोगों को उनके परिवार के सामने करीब से सिर में गोली मारकर उनकी जान ले ली गई।’’
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
मिसरी ने कहा कि यह 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद भारत में किसी आतंकवादी हमले में आम लोगों के हताहत होने की सबसे बड़ी संख्या थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हत्या के तरीके से परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया, साथ ही यह भी कहा गया कि उन्हें यह संदेश पहुंचा देना चाहिए।’’
विंग कमांडर सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल पाकिस्तान के ‘‘किसी भी दुस्साहस, जिससे स्थिति बिगड़ती है, का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’
महिला अधिकारियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अवलोकन करते हुए कहा कि आतंकवादी शिविरों पर हमला सटीकता से किया गया, जिसमें हथियारों का सावधानीपूर्वक चयन किया गया, जिससे कोई अतिरिक्त क्षति न हो।
सिंह ने कहा, ‘‘प्रत्येक लक्ष्य पर प्रभाव का बिंदु एक विशिष्ट इमारत या इमारतों का समूह था।’’
मिसरी और दो महिला अधिकारियों की मीडिया ब्रीफिंग की शुरुआत 2001 के संसद हमले, 2008 के मुंबई हमलों और 2019 के पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट सहित कई आतंकवादी हमलों के वीडियो के साथ हुई, जिन्हें पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूहों ने अंजाम दिया था।
भारत की इस सैन्य कार्रवाई के नाम में ‘सिंदूर’ शब्द को जोड़ने का एक संदर्भ यह है कि भारतीय परंपरा में विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं और इसे उनके सुहागन होने का एक प्रतीक माना जाता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम उन महिलाओं के प्रति सम्मान जताना है जिन्होंने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने पतियों को खो दिया था।
भारत की कार्रवाई के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत माता की जय!’’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘दुनिया को आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति दिखानी चाहिए।’’
भारतीय सेना ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘न्याय हुआ।’’
भारत के हमलों के बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि भारत की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली और मुजफ्फराबाद तथा बहावलपुर में मिसाइल हमले किए गए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी वायुसेना के सभी विमान आसमान में हैं। यह कायरतापूर्ण और शर्मनाक हमला भारत के हवाई क्षेत्र के भीतर से किया गया। उन्हें कभी भी पाकिस्तान के क्षेत्र में आने और घुसने नहीं दिया गया।’’
भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान से लगी सीमा पर सभी वायु रक्षा इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है।
यह कार्रवाई मोदी द्वारा सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले का जवाब देने की पूरी छूट दिए जाने के कुछ दिन बाद की गई।
भाषा नेत्रपाल रंजन
रंजन
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