scorecardresearch
शुक्रवार, 6 जून, 2025
होमदेशपहलगाम हमला: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों से संपर्क किया

पहलगाम हमला: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों से संपर्क किया

Text Size:

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अस्थायी सदस्यों को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने के बारे में अवगत कराने के लिए अपने कूटनीतिक प्रयासों के तहत बुधवार को डेनमार्क से संपर्क किया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूएनएससी के सात अस्थायी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से मंगलवार को बातचीत की थी।

जयशंकर ने बुधवार को डेनमार्क के अपने समकक्ष लार्स लोके रासमुसेन के साथ फोन पर बातचीत की और ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने 22 अप्रैल के हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के भारत के संकल्प से उन्हें अवगत कराया।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके से बात की। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर उनके समर्थन और एकजुटता की सराहना करता हूं। हमारे द्विपक्षीय सहयोग के बारे में भी विचारों का आदान-प्रदान किया।’’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ जयशंकर की फोन पर बातचीत इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान भी 2025-26 तक के लिए इस प्रभावशाली संयुक्त राष्ट्र निकाय का सदस्य है।

विदेश मंत्री ने मंगलवार को अल्जीरिया, यूनान, गुयाना, पनामा, स्लोवेनिया, सिएरा लियोन और सोमालिया के अपने समकक्षों के साथ बातचीत की थी।

इस हमले के तार ‘‘सीमा पार से जुड़े’’ होने का हवाला देते हुए भारत ने इस घटना में शामिल अपराधियों को कड़ी सजा देने की प्रतिबद्धता जताई है।

हमले पर 25 अप्रैल को अपने बयान में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आतंकवादी हमले की ‘‘कड़े शब्दों में’’ निंदा की तथा जोर दिया कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए ‘‘सबसे गंभीर’’ खतरों में से एक है।

अस्थायी सदस्यों का चुनाव संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो वर्ष के कार्यकाल के लिए किया जाता है तथा उनकी सदस्यता बदलती रहती है।

पिछले कुछ दिनों में भारत ने विश्व के विभिन्न देशों से संपर्क कर उन्हें आतंकवादी हमले के तार ‘‘सीमा पार’’ से जुड़े होने के बारे में जानकारी दी है।

इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, मिस्र, जॉर्डन, इटली, जापान, ईरान, श्रीलंका, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूएई और नेपाल के राष्ट्राध्यक्षों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात कर हमले की निंदा की और एकजुटता प्रकट की थी।

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों के अपने समकक्षों के साथ फोन पर बातचीत ऐसे समय की है, जब भारत इस आतंकवादी हमले का जवाब देने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में कहा था कि हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को “सबसे कड़ा जवाब” दिया जाएगा।

मंगलवार को उन्होंने सेना को कार्रवाई के लिए “अभियानगत पूर्ण स्वतंत्रता” दी और रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की।

भाषा

देवेंद्र अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments