नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से कश्मीरी छात्रों को मिल रही धमकियों व उत्पीड़न की खबरों पर शुक्रवार को चिंता जताई और कहा कि इससे आतंकवादियों के एजेंडे को ही मदद मिलेगी।
पार्टी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि अधिकारियों को ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और देश आतंकी हमले के खिलाफ एकजुट है।
माकपा ने कहा, “ऐसे समय में जब पूरा देश पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के खिलाफ एकजुट हो गया है, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों व व्यापारियों को धमकी दिए जाने और उत्पीड़न की खबरें आ रही हैं।”
पार्टी ने कहा, “देहरादून में एक सांप्रदायिक संगठन की धमकियों और अल्टीमेटम के कारण कई कश्मीरी छात्र अपने घरों को चले गए हैं। सोशल मीडिया पर भी कश्मीरियों और अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाकर एक दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया जा रहा है।”
वामपंथी पार्टी ने कहा कि पूरे देश ने देखा है कि किस तरह कश्मीरियों ने एक स्वर में आतंकवादी हमले की निंदा और विरोध किया है।
माकपा ने कहा, “ये गतिविधियां केवल आतंकवादियों के एजेंडे को मदद कर रही हैं। संबंधित अधिकारियों को उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जो ऐसी विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त हैं। उन लोगों के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जानी चाहिए जो लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं।”
देश के विभिन्न भागों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों के माता-पिता पंजाब और उत्तराखंड के कॉलेजों में मारपीट व धमकी की घटनाओं की खबरों के बाद चिंतित हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अन्य राज्यों के अपने समकक्षों के संपर्क में हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर सरकार उन राज्यों की सरकारों के संपर्क में है, जहां से ये खबरें आ रही हैं। मैं इन राज्यों के अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों के भी संपर्क में हूं और उनसे अतिरिक्त सावधानी बरतने का अनुरोध किया है।”
भाषा जोहेब सुरेश
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