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रविवार, 4 मई, 2025
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पहलगाम हमला: माकपा ने जवाबदेही तय करने की मांग की

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नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को कहा कि पहलगाम में आतंकवादी हमला एक बड़ी सुरक्षा चूक का परिणाम था, जिसकी जांच होनी चाहिए और इसके लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए। पार्टी ने यह भी कहा कि हमले का इस्तेमाल ध्रुवीकरण पैदा करने के लिए किया जा रहा है।

माकपा ने आतंकी हमले के दोषियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।

पोलित ब्यूरो की बैठक के एक दिन बाद जारी बयान में माकपा ने कहा कि सरकार को पहलगाम हमले पर एक ‘डोजियर’ (दस्तावेज) तैयार करना चाहिए, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखा जाना चाहिए।

माकपा पोलित ब्यूरो ने 22 अप्रैल के हमले में 26 लोगों के मारे जाने को लेकर एक मिनट का मौन रखा और घटना पर दुख व्यक्त किया।

वामपंथी पार्टी ने कहा कि दोषियों को पकड़ने और उन्हें दंडित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। माकपा ने कहा, ‘‘आतंकवादी हमला एक बड़ी सुरक्षा चूक का परिणाम था। इसकी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए ताकि सुधारात्मक उपाय किए जा सकें।’’

पोलित ब्यूरो ने सोशल मीडिया पर मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ नफरत भरे अभियान एवं हमलों की घटनाओं की भी निंदा की।

पड़ोसी देश में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सरकार के कूटनीतिक कदमों का उल्लेख करते हुए माकपा ने कहा कि प्राथमिकता अपराधियों और उनके आकाओं की पहचान करने तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए एक ‘डोजियर’ तैयार करने की होनी चाहिए।

माकपा ने कहा, ‘‘इस मामले को उचित हस्तक्षेप के लिए वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के समक्ष उठाया जाना चाहिए। सरकार को गंभीरता से इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या सैन्य कार्रवाई सीमा पार आतंकवाद पर अंकुश लगाने के उद्देश्य को पूरा करेगी।’’

पार्टी ने कश्मीर के लोगों पर हमले की भी निंदा और आतंकी घटना के बाद उनके प्रदर्शन को ‘‘सबसे महत्वपूर्ण घटना’’ बताया।

माकपा ने कहा, ‘‘घाटी में बंद का आयोजन किया गया। जम्मू कश्मीर में आतंकवादी तत्वों को अलग-थलग करने के लिए इसी लोकप्रिय भावना का निर्माण किया जाना चाहिए। आतंकवादियों के मकानों को ध्वस्त करने जैसे कोई कदम नहीं उठाए जाने चाहिए, क्योंकि इससे निर्दोष परिवार प्रभावित होते हैं और लोग अलग-थलग पड़ जाते हैं।’’

पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू किए जाने के बाद अल्पसंख्यकों पर हमले हुए और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया।

वामपंथी पार्टी ने कहा कि भाजपा इस कानून का इस्तेमाल धार्मिक आधार पर लोगों को ध्रुवीकृत करने के लिए कर रही है।

इसने सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेताओं की टिप्पणियों की ओर इशारा किया, जिसमें उन्होंने ‘‘चर्च के स्वामित्व वाली संपत्तियों’’ पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही थी।

भाषा आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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